राष्ट्रीय
भारत की पहली महिला सीरियल किलर, अमीर बनने के लिए प्रसाद में सायनाइड देकर किए कई मर्डर
देश में इन दिनों आरी से काटना, मिक्सी में पीसना या कूकर में शव को उबालना ये दिल दहला देने वाले हत्याकांड सामने आ रहे हैं लेकिन देश में एक ऐसी महिला भी है जिसने अमीर बनने के लिए कई महिलाओं का मर्डर किया है। जिसका दिल इतना कठोर की जेल से छुटने के बाद भी उसका मर्डर करने का सिलसिला थमा नहीं। ये भारत की पहली महिला सीरियल किलर है केडी केमपम्मा जिसे सायनाइड मल्लिका भी कहा जाता है।
कर्नाटक की रहने वाली केडी केमपम्मा जिसकी आंखों में केवल दिन-रात अमीर बनने का ख्वाब था। आज से 25 साल पहले सायनाइड मलिका ने पूरे बेंगलुरु में हड़कंप मचा दिया था। महिलाओं को घरों से बाहर जाने में भी डर लगने लगा था। वह सोचती थी कि कहीं अगला निशाना वो न बन जाए। ये मलिका बेंगलुरु के एक मंदिर में रहती थी और इसने मंदिर को ही अपने पापों का घर बना लिया था। ये मंदिर में आने वाली उन अमीर महिलाओं को निशाना बनाती थी, जो कि घर-परिवार, नौकरी और बच्चा न होने से दुखी थीं। साथ ही ये खुद को भगवान की सबसे बड़ी भक्त बताकर ये दावा करती थी कि ये मंदिर ले जाकर महिलाओं के सारे दुख-दर्द दूर कर देगी। इसी विशवास के कारण इसके जाल में कई महिलाएं फंसी। और यही से शुरू हुआ सीरियल किलिंग का सिलसिला।
अमीर दुखी महिलाओं को बनाया निशाना
आंखों में अमीरी का ख्वाब लेकर सामने दुखी अमीर महिलाओं को फंसाने के लिए इसके शातिर दिमाग में एक ऐसे खौफनाक अपराध ने जन्म लिया जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। यह महिला जितनी शातिर थी उससे कहीं ज्यादा इसके प्लान शातिर होते थे। ये मंदिर में आने वाली अमीर महिलाओं से मिलती जुलती और उनके दुखों के बारे में जानती। ये उन्हें भगवान के चमत्कार की कहानियां सुनाती और उन्हें अपने झांसे में लेकर उनके कष्टों को दूर करने की बात करती। दुखी महिलाएं इस फरेबी महिला के झांसे में आ जाती थी। यह उन्हें एक खास अनुष्ठान के लिए सुनसान जगह पर बुलाती। वहीं, महिलाओं को पूरे गहनों को पहनकर आने के लिए कहती थी। यह अनुष्ठान के लिए ये या तो एकदम सुबह का वक्त चुनती या फिर रात का समय चुनती थी। जिससे किसी को भी इस पर शक न हो।
प्रसाद में सायनाइड मिलाकर लेती थी जान
महिलाओं को विश्वास दिलाने के लिए यह पहले मंदिर में पूजा-पाठ करती फिर उन्हें सुनसान जगह पर ले जाती थी। वहां ले जाने के बाद यह अनुष्ठान करती फिर महिला को आंख बंद करने के लिए कहती। इस दौरान ये महिला के प्रसाद में
सायनाइड मिलाती और फिर उस महिला को दे देती। सायनाइड मिले हुए प्रसाद को खाने के बाद मौके पर ही महिला की ही मौत हो जाती थी। उसके बाद यह महिला के शव पर पहने हुए एक-एक गहनों और पैसों को लेकर फरार हो जाती थी।
1999 में किया 5 अमीर महिलाओं का मर्डर
सायनाइड मलिका ने साल 1999 में बेंगलुरु की रहने वाली ममता राजन को अपना पहला निशाना बनाया था। महिला से चिकनी चुपड़ी बातें की और दुखों को कम करने के नाम पर फरेब धार्मिक अनुष्ठान किया और प्रसाद में सायनाइड मिलाकर उसकी हत्या कर दी। इसी साल इसने 5 अमीर महिलाओं की हत्या कर दी थी। कर्नाटक की महिलाएं खौफ में रहने लगी थी क्योंकि आए दिन अखबारों में अमीर महिलाओं की मौत की खबरें छपती, लेकिन कातिल कौन है ये बेनकाब नहीं हो रहा था। लेकिन, फिर उसने अपना प्लान चेंज किया। पुलिस को इस पर शक न हो इसलिए अब इसने कुछ सालों तक हत्या नहीं की और यह अमीर घरों में जा कर साफ-सफाई का काम करने लगी थी।
जेल से छूटने के बाद भी किया मर्डर
एक घर में यह चोरी करते पकड़ी गई थी, जिसके बाद इसे छह महीने की जेल की सजा हुई थी। जेल से बाहर आने के बाद इसके अमीर बनने के ख्वाबों ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया और इसने हत्याओं का वही पुराना पैंतरा अपनाया। 5 कत्ल करने के बाद इसने साल 2006 में बड़ी घटना को अंजाम दिया। साइनाइड मलिका ने इस बार बेंगलुरु की रहने वाली नागवेणी नाम की एक बेहद अमीर महिला को अपना निशाना बनाया। नागवेणी को कोई संतान नहीं थी, इसलिए वह आसानी से इस फरेबी महिला के जाल में फंस गई।
पुलिस ने किया केडी केमपम्मा के गिरफ्तार
उसी पुराने अंदाज में केमपम्मा ने पूजा-पाठ और एक खास साधना करवाने के लिए इस महिला को भी सुनसान इलाके में ले जाकर सायनाइड दे दिया। इस बार की हत्या से फिर से महिलाएं खौफजदा हो गईं। पुलिस ने अब पूरा फोकस सायनाइड पर किया और उन्होंने सभी पुरानी फाइलें खोली और सभी की कड़ी एक-दूसरे से जुड़ती थी। पुलिस को पता चल गया कि किलिंग का तरीका पहले भी यही था और अभी भी यही है। वहीं, उन्होंने यह भी पाया कि सभी हत्याएं लूट के इरादे से ही की गई हैं। पुलिस सभी कड़ियों को जोड़ते हुए सायनाइड मलिका तक पहुंच गई और उन्होंने उसे गिरफ्तार कर लिया।
2012 में हुई थी सजा-ए-मौत
जिसके बाद केडी केमपम्मा उर्फ सायनाइड मलिका के पास अपने गुनाहों को कबूल करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। उसने पुलिस कस्टडी में कबूल किया कि इसने आठ महिलाओं को प्रसाद में सायनाइड मिलाकर दे दिया। ये अमीर बनना चाहती थी, ये उन अमीर महिलाओं की तरह ही दिखना चाहती थी और इसलिए इसने ये खौफनाक रास्ता चुना। 2012 में इसे अदालत ने सजा-ए-मौत दी। हालांकि, बाद में मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया और अब ये महिला केडी केमपम्मा बेंगलुरु की जेल में सजा काट रही है