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उत्तराखण्ड

यहां चलती है पहाड़ों की चलती-फिरती घोड़ा लाइब्रेरी

नैनीताल। जिले के सुदूरवर्ती कोटाबाग विकासखंड के, विभिन्न गांवों में ,पहाड़ों की चलती-फिरती लाइब्रेरी, इन दिनों चर्चा में है। ये लाइब्रेरी ना तो किसी कार में है, और ना ही किसी बस में। ये लाइब्रेरी एक घोड़े पर है। इसे लोग घोड़ा लाइब्रेरी के नाम से जानते हैं।

यह लाइब्रेरी दूरस्थ स्कूलों में चर्चित हो रही है। यह लाइब्रेरी, स्कूली बच्चों को छुट्टियों में भी किताबों से दूर नहीं होने देती है।

घोड़ा लाइब्रेरी नैनीताल जिले के कोटाबाग विकासखंड के गांव बाघनी, जलना, महलधुरा, आलेख, गौतिया, ढिनवाखरक, बांसी जैसे गांवों में, संस्थाओं द्वारा ,बच्चों तक बाल साहित्यिक पुस्तकें पहुंचाती है। घोड़ा लाइब्रेरी गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों में बच्चों के पास घोड़े पर सवार होकर पहुंच जाती है।

घोड़ा लाइब्रेरी का संचालन करने वाले शुभम बधानी ने बताया कि पर्वतीय गांव बाघनी, छड़ा और जलना के कुछ युवाओं और स्थानीय शिक्षा प्रेरकों की मदद से घोड़ा लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है।

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