आध्यात्मिक
20 जून को मनाया जायेगा गंगा दशहरा: पाठक
अल्मोड़ा। वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित डा मदन मोहन पाठक ने बताया कि इस बार श्री गंगा दशहरा 20 जून को मनाया जाएगा। इस दिन मां श्री गंगे जी का धरती पर अवतरण हुआ तब से लगातार इस दिन गंगा दशहरा पावन पर्व मनाया जाता है धर्म अर्थ काम मोक्ष को देने वाली मां गंगा पतित पावनी है। श्री गंगा जी में स्नान मात्र से मनुष्य के सारे पाप जल कर भस्म हो जाने हैं श्री गंगा जी का महत्व हमारे जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु पर्यन्त हमारा साया बनकर हमारे साथ में रहता है समस्त धार्मिक मांगलिक कार्य गंगा के पवित्र जल के बिना अधूरे हैं।
डॉ पाठक के अनुसार जब मानव देह त्याग करता है तो उसकी अस्थियां गंगा जी में विसर्जित करने से प्राणी को मोक्ष की प्राप्ति होती है इसीलिए गंगा मैया को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है हरिद्वार, प्रयागराज, वाराणसी सहित अनेक पवित्र स्थान श्री गंगा जी के तट पर स्थित हैं ब्रह्म जी के कमंडल में तरुणी रुप धरकर गंगा माई राजा भगीरथ जी के अथक प्रयासों से ब्रहमा जी के कमंडल से निकल कर शिव की जटाओं से उलझते हुए धरती पर अवतरित हुई श्री गंगा जी का सेवन काम,क्रोध,लोभ, मोह,मद,मत्सर, अहंकार, आलस्य,हिंसा,चोरी के परित्याग की प्रेरणा देता है फलस्वरूप मनुष्य भव बंधन से मुक्त होकर श्री गंगा जी का सान्निध्य प्राप्त करता है ।
गंगा दशहरा के दिन गंगा दशहरा द्वार पत्र मंत्र लिखित शुभ वेला में मुख्य द्वार पर लगाया जाता है इस दिन सर्व देव नमस्कार पुष्पांजली अर्पित करने के बाद दीप दान का विशेष महत्व है दीप दान करने से मनुष्य के जीवन में सुख शांति समृद्धि का निवास होता है अंधकार छटता है अगर श्री गंगा जी नजदीक हों जाना सुगम हो तो गंगा जी को दूध चढ़ाएं और घी के दीपक जलाकर दीपदान करें नहीं तो अपने अपने घरों में गंगा जल का छिड़काव करें तत्पश्चात श्री गंगा दशहरा द्वार पत्र लगावें घीं के दीपक जलाएं सफेद बस्त्र दही चावल दक्षिणा सहित पूज्य विप्र को दान करें ऐसा करने मात्र आपके जीवन में सुख शांति रहेगी धन संपत्ति का लाभ रहेगा संतान वर्ग से सुख मिलेगा । गंगा दशहरा द्वार पत्र लगाने से आप के घर की सुरक्षा वर्ष भर होती है आकाशीय बिजली उल्कापिंड इत्यादि उल्कापातों से आपके घर की रक्षा होती है इस दिन आप मा गंगे माता जी की आरती चालीसा पाठ पढ़ें अक्षय फल प्राप्त होगा।।