उत्तराखण्ड
हल्द्वानी में श्रमिकों की जिंदगी को संवार रही श्रम विभाग की योजना
हल्द्वानी में उत्तराखंड श्रम विभाग द्वारा भवन और संनिर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों के लिए चलाई जा रही योजना उनके जीवन को नई दिशा दे रही है। इस योजना का मकसद श्रमिकों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है, जिससे वे अपने बच्चों की शिक्षा, बेटियों की शादी और परिवार की अन्य आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों को जरूरत के मुताबिक विभिन्न प्रकार की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
श्रम विभाग की इस पहल से अब बड़ी संख्या में श्रमिक लाभान्वित हो रहे हैं। विभाग के अनुसार नैनीताल जिले में अब तक करीब 45 हजार से अधिक श्रमिकों का पंजीकरण हो चुका है, जिनमें महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। पंजीकृत श्रमिकों को टूल किट, साइकिल, सिलाई मशीन, सोलर लालटेन और छाता जैसी उपयोगी सामग्री प्रदान की जाती है। वहीं महिला श्रमिकों को स्वच्छता के मद्देनजर सेनेटरी नैपकिन भी दिए जा रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए, इसके लिए शिक्षा सहायता राशि भी योजना का अहम हिस्सा है।
श्रमिकों के बच्चों को प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक की पढ़ाई के लिए हर साल वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके अतिरिक्त गर्भवती महिला श्रमिकों या श्रमिकों की पत्नियों को प्रसव सहायता के रूप में छह हजार रुपये दिए जाते हैं। अगर किसी श्रमिक की कन्या की शादी होती है तो सरकार द्वारा 51 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। वहीं निर्माण कार्य के दौरान दुर्घटना में श्रमिक की मृत्यु होने पर चार लाख रुपये और सामान्य मृत्यु पर दो लाख रुपये की सहायता उसके परिवार को दी जाती है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए श्रमिकों को अपने आधार कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर जैसे दस्तावेजों के साथ नजदीकी सीएससी सेंटर में जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। आवेदन की जांच के बाद श्रमिक का बायोमेट्रिक पंजीकरण किया जाता है और इसके बाद वह इस योजना से जुड़ी सभी सुविधाओं का लाभ उठा सकता है। श्रम विभाग की यह पहल श्रमिकों के लिए न केवल राहत लेकर आई है, बल्कि उनके भविष्य को भी सुरक्षित करने का मार्ग खोल रही है।
















