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राजकीय मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की कमी से हालात हुए खस्ता
मीनाक्षी
हल्द्वानी। राज्य के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों (फैकल्टी) की कमी लगातार गहराती जा रही है। पिछले कुछ माह में यह कमी 35 से बढ़कर 45 प्रतिशत तक हो गई है। इससे जहां एक तरफ कॉलेज में एमबीबीएस की सीटों को बढ़ाने की कोशिशों को तो झटका लगा है वहीं पीजी की सीटें भी कम हो सकती हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए 6 नवंबर को साक्षात्कार आयोजित किए गए थे। 90 सीटों को मुकाबले 12 डॉक्टर इंटरव्यू के लिए पहुंचे थे। मेडिकल कॉलेज में नौकरी करने के लिए कम लोग आ रहे हैं जबकि कॉलेज से तबादला और छोड़कर जाने वालों की संख्या ज्यादा है। इस कारण डॉक्टरों की कमी 45 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
25 सीटों को बढ़ाने की प्रक्रिया को भी झटका
मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में एमबीबीएस की 125 सीटें हैं। इसे बढ़ाकर एमबीबीएस की सीटें 150 करने की योजना पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पिछले करीब दो साल से काम कर रहा है। लेकिन फैकल्टी की कमी के चलते नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने सीटों को बढ़ाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
पीजी की 16 सीटों पर भी संशय
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने विभिन्न विभागों में पीजी में 16 सीटें बढ़ाने के लिए एनएमसी को आवेदन किया है। इसमें हड्डी रोग विभाग की 3, रेडियो अंकोलॉजी की 3, बायोकेमेस्ट्री 3, फिजियोलॉजी 2, फार्माकोलॉजी 3, चर्म रोग विभाग की 2 सीटें शामिल हैं। लेकिन फैकल्टी की कमी के चलते इनमें से कितनी सीटों पर एनएमसी हरी झंडी देगा इस पर संशय बना हुआ है।
मेडिकल कॉलेज में तबादले और कुछ डॉक्टरों के छोड़ कर जाने से फैकल्टी की कमी हुई है। इस कमी को पूरा करने के लिए शासन से अनुमति लेकर लगातार फैकल्टी के इंटरव्यू कराए जा रहे हैं। जल्द ही फिर से इंटरव्यू आयोजित कराने की योजना है ताकि फैकल्टी की कमी को पूरा किया जा सके।
पिछले चार माह में ये डॉक्टरों ने कहा बाय बाय
मनोचिकित्सा विभाग
डॉ. आकाश (असिस्टेंट प्रोफेसर)
डॉ. भाविका (असिस्टेंट प्रोफेसर)
डॉ. सिद्धार्थ माथुर (सीनियर रेजिडेंट)
हड्डी रोग विभाग
डॉ. नवनीत अधिकारी (असिस्टेंट प्रोफेसर)
डॉ. दिवाकर (असिस्टेंट प्रोफेसर)
इनका हुआ तबादला
प्रो. डॉ. गीता जैन
प्रो. डॉ. विवेकानंद सत्यवली
प्रो. डॉ. गीता भंडारी (संबद्ध)
प्रो. डॉ. सुमन पांडे
एसोसिएट प्रो. डॉ. पुनम कुमारी
एसोसिएट प्रो. डॉ. हेमाबेन ठक्कर
असिस्टेंट प्रो. डॉ. शुजाउद्दीन