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उत्तराखण्ड

चारधाम यात्रा से पहले डॉक्टरों को उच्च हिमालयी बीमारियों के लिए दी जा रही विशेष ट्रेनिंग

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ होगी। हर साल हजारों श्रद्धालु इस पवित्र यात्रा में शामिल होते हैं, लेकिन ऊंचाई और मौसम की विकट परिस्थितियों के कारण कई बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सामने आती हैं। इन्हीं स्थितियों से निपटने के लिए इस बार उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने चारधाम यात्रा के लिए एक विशेष तैयारी शुरू की है, जिसके तहत यात्रा मार्गों पर तैनात किए जाने वाले डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और दून मेडिकल कॉलेज में अब तक इस प्रशिक्षण के लिए शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। इन शिविरों में डॉक्टरों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाली जटिल स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी दी जा रही है। साथ ही आपदा जैसी परिस्थितियों में सीमित संसाधनों के बीच प्रभावी चिकित्सा सेवाएं देने की तकनीक भी सिखाई जा रही है। ट्रेनिंग के दौरान डॉक्टरों को ऊंचाई पर होने वाली बीमारियों जैसे सांस लेने में परेशानी, ऑक्सीजन की कमी, रक्तचाप का असंतुलन, हृदय संबंधी आपात स्थिति, मस्तिष्क और फेफड़ों में सूजन, दौरे और अन्य गंभीर बीमारियों से निपटने की व्यावहारिक जानकारी दी गई है।

स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार का कहना है कि इन बीमारियों का समय पर और सही इलाज कई बार मरीज की जान बचा सकता है, इसलिए चिकित्सकों को व्यावहारिक अनुभव देने के लिए यह प्रशिक्षण बेहद जरूरी है। साथ ही मेडिकल टीम को यह भी सिखाया जा रहा है कि आपातकालीन स्थिति में किस तरह मरीज को एयर एंबुलेंस के माध्यम से सुरक्षित अस्पताल तक पहुंचाना है और सीमित संसाधनों में इलाज करते हुए किस तरह दवा प्रबंधन और रेफरल प्रक्रिया को बेहतर बनाया जा सकता है।

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राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के स्किल सेंटर में आयोजित क्लिनिकल स्किल आधारित पहले प्रशिक्षण शिविर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पतालों के चिकित्सा अधिकारियों को विशेष रूप से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में आने वाली चुनौतियों और वहां के रोगों से निपटने के तौर-तरीकों की जानकारी दी गई है। इस प्रशिक्षण के पूरा होने के बाद प्रशिक्षित मेडिकल टीम को जल्द ही चारधाम यात्रा मार्गों और विश्राम स्थलों पर तैनात कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग को भरोसा है कि इस विशेष पहल से इस वर्ष की चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को और अधिक प्रभावी व सुरक्षित चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।

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