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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में एक दर्जन अधिक जहरीले रसेल वाइपर सांपों का मिला जखीरा, लोगों में फैली दहशत

बरसात का मौसम आते ही सांप अपने बिलों से बाहर निकलने लगते है। वही उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र में खतरनाक रसेल वाइपर सांप मिले हैं। एक साथ एक ही जगह पर मिले करीब 2 दर्जन से अधिक सांप मिलने से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। सांपों का रेस्क्यू कर वन विभाग ने इन सांपों को जंगल में छोड़ दिया। इतनी बड़ी संख्या में रसेल वाइपर मिलने से विभाग की भी चिंताएं बढ़ गई हैं। जानकारी के अनुसार, विकासनगर के ढकरानी क्षेत्र में सर्प प्रजाति के सबसे जहरीले और खतरनाक सांपों में रसेल वाइपर के 26 संपोलों का जखीरा मिला है। अन्य सांपों से खतरनाक माने जाने वाला रसेल वाइपर भारतीय सांपों की तरह अंडे देने की बजाय सीधे बच्चे देता है, वो भी एक दो नहीं, बल्कि दर्जनों की संख्या में, जिससे जहरीले सांपों की संख्या दोगुनी बढ़ जाती है। इसको अक्सर लोग अजगर समझकर छेड़छाड़ कर बैठते हैं। कहा जाता है की अगर इस सांप ने काट लिया तो आधे घंटे के अंदर इंसान पैरालाइज्ड हो जाता है. रसेल पाइपर को लेकर तिमली रेंज के वन क्षेत्राधिकारी मुकेश कुमार ने कहा कि स्थानीय लोगों ने ढकरानी में सांपों के देखे जाने की सूचना दी थी। इस पर प्रक्षिशित रेस्क्यू टीम को भेजा गया। मौके पर पहुंची टीम को भारत और विश्व के सबसे जहरीले सांप रसेल वाइपर के 26 बच्चे मिले। मौके से रेस्क्यू कर उनके प्राकृतिक आवास तिमली जंगल में छोड़ दिया गया।वन क्षेत्राधिकारी ने कहा कि रसेल वाइपर भारत समेत पूरे विश्व में सबसे जहरीले सांप में से एक है, जिसमें हुमोटैक्सिक जहर पाया जाता है। जब यह सांप बाइट करता है तो आधे घंटे के अंदर ही उस जगह पर सूजन और काफी तेज दर्द के साथ अंदरूनी रक्तस्राव स्टार्ट हो जाता है।इसलिए ऐसे मामलों में आधे घंटे में ही इसमें डॉक्टर की जरूरत पड़ती है।ढकरानी में रेस्क्यू करने पहुंचे वन विभाग के प्रशिक्षित वन कर्मी और सांपों के जानकार सर्प मित्र आदिल मिर्जा ने कहा कि रसेल वाइपर एशिया का सबसे खतरनाक सांप है। इतनी संख्या में रसेल पाइपर का मिलना उत्तराखंड के लिए चिंता का विषय है।

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