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उत्तराखण्ड

रामा-कमल सिराईं क्षेत्र में अचानक हुई वर्षा से लाल धान की मंडाई में खलल, काश्तकार की बढ़ी परेशानी

रवाईं घाटी के रामा-कमल सिराईं क्षेत्र में बीते सोमवार को वर्षा ने काश्तकारों की परेशानी को बढ़ा दिया है। वर्षा से लाल धान की फसल खेतों में खराब होने लगी है। वर्षा के चलते काश्तकारों को धान की मंडाई रोकनी पड़ी। साथ ही धान के कुड़कों को त्रिपाल व बोरियों से ढकना पड़ा है।

रवाईं घाटी का रामा व कमल सिराईं, मोरी का गडूगाड़ पट्टी लाल चावल का मुख्य उत्पादक क्षेत्र है। नवरात्र शुरू होने पर धान मंडाई का काम शुरू हो जाता है। रविवार को धान मंडाई की शुरूआत हुई तो गुंदियाटगांव, रामा, पुरोला, खलाड़ी, चपटाडी, पुजेली, आराकोट, महरगांव, ढुंकरा पोरा, सुकडाला, देवरा, खडक्या सेम, मठ, ढकाडा, कुंफारा, रतेडी रामा तथा कमल समेत मोरी गडूगाड़ क्षेत्र के गांव-गांव में बैलों से धान की मंडाई शुरू हुई।

वर्षा के चलते लाल धान खराब
वर्षा की आशंका को देखते हुए सोमवार को काश्तकारों ने मंडाई जल्दी-जल्दी निपटाने में जुटे। तेज वर्षा से मंडाई में खलल पड़ा। काश्तकारों को धान के कुड़कों को त्रिपाल व बोरियों से ढकना पड़ा। धान उत्पादन किसान श्यालिकराम नौटियाल ने कहा कि अगर वर्षा इसी तरह होती रही तो दो-तीन दिन के अंतराल में लाल धान पूरी तरह से खराब हो जाएगा।

पहली ही वर्षा ने नई टिहरी में बढ़ाई ठिठुरन
मौसम की पहली वर्षा से ही नई टिहरी में ठिठुरन बढ़ गई है। वर्षा के साथ ही तेज हवाएं भी चली, जिससे नगरवासियों को कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ा। तेज हवा चलने से बाजार में कई बार विद्युत आपूर्ति भी बाधित होती रही।

सोमवार सुबह को आसमान में घने बादल छाए और 11 बजे से वर्षा शुरू हो गई। वर्षा के साथ-साथ ठंडी व तेज हवाएं भी चली, जिससे नगरवासी ठिठुरने को मजबूर हुए। नई टिहरी में हर मौसम में हवाएं चलती रहती हैं। ऐसे में सोमवार को वर्षा के साथ ही हवाएं चलने से नगरवासियों को दिसंबर माह जैसी सर्दी का सामना करना पड़ा।नगरवासियों को घरों से हीटर के साथ ही गर्म ऊनी वस्त्र भी बाहर निकल आए हैं।

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टिहरी में वर्षा के चलते ठंड से जूझते नजर आए लोग
नई टिहरी में सोमवार को कई जगह शादियां भी थी, ऐसे में वर्षा होने से शादी वालों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। मेहमान भी नई टिहरी की सर्दी से जूझते नजर आए। सर्दी से बचने के लिए कुछ जगह पर अलाव भी जलाए गए।

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