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दिल्ली

मणिपुर के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बनाई तीन महिला जजों की समिति, पीड़ितों के पुनर्वास और हर्जाने की सौंपेंगी रिपोर्ट

हिंसाग्रस्त मणिपुर में पीड़ितो को राहत देने, उनके पुनर्वास व हर्जाने की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की तीन महिला जजों की एक समिति बनाई है। यह समिति वहां की स्थितियों का आकलन करेगी और सीधे सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी। शीर्ष अदालत समग्र स्थिति की निगरानी भी करेगी।

सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, शीर्ष कोर्ट का प्रयास राज्य में कानून के शासन में विश्वास की भावना बहाल करना है। सीमावर्ती राज्य के अराजकता में डूबने, अधिक से अधिक लोगों के मारे जाने और आगजनी व उत्पात की कभरें भयानक हैं। पीठ ने महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने के वीडियो को काफी परेशान करने वाला बताया है। सुनवाई के दौरान मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी और डीपीपी राजीव सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य में दाखिल एफआईआर का ब्योरा पेश किया।

यह होंगी सदस्य
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की पूर्व टीफ जस्टिस गीता मित्तल इस समिति की अध्यक्षता करेंगी। वहीं, बॉम्बे हाईकोईट की सेवानिवृत्त जस्टिस शालिनी पी जोशी व दिल्ली हाईकोर्ट की पूर्व जस्टिस आशा मेनन अन्य सदस्य होंगी।

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