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आज तृतीय केदार तुंगनाथ के खुलेंगे कपाट, चोपता से रवाना हुई डोली



दुनिया के सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर तुंगनाथ के कपाट आज भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। गुरूवार को रात्रि प्रवास के लिए तुंगनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली चोपता पहुंची। जिसके बाद आज सुबह देवडोली तुंगनाथ के लिए रवाना हो गई है।


आज तुंगनाथ के कपाट खोल दिए जाएंगे। आज से छह महीने से भगवान भक्तों को यहीं दर्शन देंगे। बता दें कि गुरूवार को मक्कूमठ स्थित भूतनाथ मंदिर में चल विग्रह उत्सव डोली पहुंची। जहां डोली का शृंगार कर आरती की गई।

इसके बाद डोली मंदिर की परिक्रमा करने के बाद अपने अगले गन्तव्य के लिए रवाना हो गई। शुक्रवार सुबह डोली चोपता पहुंची। जहां से डोली ने तुंगनाथ धाम के लिए प्रस्थान किया।

दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है तुंगनाथ
केदारनाथ धाम से 22 किमी दूर स्थित है विश्व का सबसे ऊंचा शिव मंदिर तुंगनाथ। पौराणिक मान्यातों के मुताबिक यहां भगवान शिव की भुजा कि पूजा होती है। इस मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ भगवती, उमादेवी और ग्यारह लघुदेवियां भी स्थापित हैं। इन देवियों को द्यूलियाँ भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि रावण ने इसी स्थान पर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था और बदले में भोले बाबा ने उसे अतुलनीय भुजाबल प्रदान किया था।

शिव की भुजाओं की होती है यहां पूजा
बता दें तुंगनाथ मंदिर वो जगह है जहां बैल के रूप में भगवान शिव के हाथ दिखाई दिए थे, जिसके बाद पांडवों ने तुंगनाथ मंदिर का निर्माण करवाया था।मंदिर के नाम का अर्थ ‘तुंग’ अर्थात् हाथ और ‘नाथ’ भगवान शिव के प्रतीक के रूप में लिया गया है। बता दें कि चोपता समुद्रतल से 12000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से तीन किमी की पैदल यात्रा के बाद 13000 फुट की ऊंचाई पर तुंगनाथ मंदिर है, जो पंचकेदारों में एक केदार है। चोपता से तुंगनाथ तक तीन किलोमीटर का पैदल मार्ग बुग्यालों की सुंदर दुनिया से साक्षात्कार कराता है।

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