Connect with us

Uncategorized

उत्तराखंड: अब जमीनों की होगी वर्चुअली रजिस्ट्री, फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम

राज्य में भूमि की खरीद या बिक्री समेत लेखपत्रों के निबंधन के लिए अब पक्षकारों को निबंधन कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी। मंत्रिमंडल ने महत्वपूर्ण निर्णय में प्रदेश में लेखपत्रों की वर्चुअल रजिस्ट्री को स्वीकृति दी।

इससे उम्रदराज, बीमार, असहाय एवं दिव्यांग व्यक्तियों को कार्यालय आने से राहत मिल गई है। साथ में भूमि की खरीद व बिक्री में फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी। उपनिबंधक कार्यालय वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पक्षकारों का सत्यापन कर विलेखों के पंजीकरण की कार्यवाही ई-साइन से पूर्ण कराएंगे। प्रदेश में भूमि रजिस्ट्री में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आ चुका है।

धोखाधड़ी पर लगेगी रोक
ऑनलाइन और वर्चुअल रजिस्ट्री से इस प्रकार की धोखाधड़ी पर भी प्रभावी तरीके से रोक लगाने में सहायता मिलेगी। राज्य मंत्रिमंडल ने सोमवार को इस संबंध में निर्णय लिया। वर्तमान में राज्य में लेखपत्रों के निबंधन में पक्षकारों को अभी कार्यालय में उपस्थित हो कर बयान दर्ज कराने पड़ते हैं। वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में पक्षकार अपने ही स्थान से लेखपत्र तैयार कर ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकेंगे। साथ ही वृद्ध, बीमार, असहाय व्यक्तियों को कार्यालय में रजिस्ट्री के लिए उपस्थित नहीं होना पड़ा पड़ेगा।

औद्योगिक निवेश को भी मिलेगा बल
अभी तक पक्षकारों के दूरस्थ स्थानों पर होने के कारण विलेखों का पंजीकरण संभव नहीं हो पा रहा था। अब ऐसे पंजीकरण आसानी से होंगे। इससे औद्योगिक निवेश को भी बल मिलेगा। अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन ने बताया कि पक्षकारों के लिए डिजिटल हस्ताक्षर कापी ऑनलाइन अपलोड करना संभव होगा। वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आधार प्रमाणीकरण से भी लिंक किया गया है। इससे सत्यापन में आसानी होगी, साथ में फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी।

यह भी पढ़ें -  गंगाजल लेने जा रहे कावड़ियों की बाइक हुई दुर्घटना का शिकार,2 की मौत

दी गई ऐच्छिक प्रयोग की अनुमति
अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन ने बताया कि केंद्र सरकार ने पांच मामलों में आधार प्रमाणीकरण के ऐच्छिक प्रयोग की अनुमति दी है। इसमें विलेखों का पंजीकरण, विवाह पंजीकरण, विवाह प्रमाणपत्र एवं लेखपत्रों की प्रमाणित प्रति जारी करने, भार मुक्त प्रमाणपत्र और पंजीकृत लेखपत्रों के ई-सर्च सम्मिलित हैं।

इन कार्यों के सफल क्रियान्वयन को स्टांप एवं निबंधन विभाग को ई-केवाईसी यूजर एजेंसी के रूप में अधिकृत करने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण एवं एनआईसी या सी-डैक के साथ एमओयू की प्रक्रिया शीघ्र संपन्न की जाएगी। आधार प्रमाणीकरण के लिए शासन से अनुमति के बाद अधिसूचना निर्गत की जा चुकी है।

Continue Reading
You may also like...

More in Uncategorized

Trending News