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उत्तराखण्ड

पहाड़ में वर्षा-ओलावृष्टि का यलो अलर्ट; तवाघाट-लिपुलेख मार्ग खुला

मौसम का मिजाज बदला हुआ रहेगा। मैदानी क्षेत्रों में मौसम साफ रहने की संभावना है, तो पहाड़ी इलाकों में कहीं-कहीं वर्षा होने और ओलावृष्टि की संभावना भी जताई गई है।देहरादून, मसूरी, हरिद्वार और ऋषिकेश आदि में मौसम साफ रह सकता है।

कहीं-कहीं दोपहर बाद आंशिक रूप से बादल भी छाये रह सकते हैं। शनिवार को प्रदेशभर का मौसम शुष्क रहा, हालांकि रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जनपदों के ऊंचाई वाले इलाकों में दोपहर बाद बादल छाये रहे।मैदानी क्षेत्रों में चटख धूप खिली रही। शनिवार को दून का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 32.6 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 20.8 डिग्री सेल्सियस रहा।

इसी तरह पंतनगर का अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री कम 31.0 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 20.6 डिग्री सेल्सियस रहा।इसी प्रकार मुक्तेश्वर का अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस कम 20.4 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस रहा। टिहरी का अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस कम 21.8 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 12.4 डिग्री सेल्सियस रहा।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि शनिवार से मंगलवार तक प्रदेश के पहाड़ी जनपदों में कही-कहीं ओलावृष्टि व हल्की वर्षा होने की संभावना है। सोमवार को यलो अलर्ट जारी किया गया है। मैदानों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
धारचूला में तवाघाट-लिपुलेख मार्ग शनिवार सायं यातायात के लिए खुल चुका है। मार्ग खुलने से फंसे आदि कैलास यात्रियों सहित अन्य लोग गंतव्य को रवाना हो चुके हैं। शनिवार सायं मार्ग खुलने की सूचना मिली।मार्ग खुलने के बाद उच्च हिमालय से लौट रहे और उच्च हिमालय को जा रहे वाहन गंतव्य को रवाना हो चुके हैं। 25 मई को मलबा आने से मार्ग लखनपुर के पास बंद हो गया था।

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मार्ग खुलने से राहत मिली है।नैनीताल में शनिवार की सुबह जमकर पानी बरसा। साथ ही ओलावृष्टि भी हुई। करीब 45 मिनट बारिश व ओलावृष्टि में पर्यटकों सहित राहगीरों में सिर छिपाने को अफरातफरी मच गई। नाले उफना गए तो लोअर मालरोड में जलभराव हो गया और पर्यटक वाहन पानी में डूबे नजर आए।बारिश के दौरान माल रोड सहित अन्य सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार लग गई।

नाले उफनाए तो शहर के ऊंचाई वाले सहित अन्य क्षेत्रों का कूड़ा कचरा झील में समा गया। सुबह दस बजे शुरू हुई भीषण बरसा का क्रम 10:45 बजे बजे तक जारी रहा। इसके बाद मौसम में सुधार आ गया और पूरे दिन धूप खिली रही।इस बीच हल्के बादल आए और चले भी गए।

पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से नैनी झील के जल स्तर में ढाई इंच वृद्धि हुई है, जो 4.75 फिट जा पहुंचा है। इधर राज्य मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार आने वाले दिनों में कभी हल्की तो कभी माध्यम बारिश की संभावना है, जबकि अंधड़ भी उठते रहेंगे।

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