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फैल रही हैं उत्तराखंड की ग्लेशियल झीलें, लगातार पतले हो रहे हैं ग्लेशियर



एसडीसी फाउंडेशन ने अप्रैल 2024 की उत्तराखंड मासिक आपदा, एक्सट्रीम वेदर इवेंट एवं दुर्घटना आधारित रिपोर्ट जारी की हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्लेशियर झीलें लगातार फैल रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिमालय की सैकड़ों ग्लेशियल झीलों में फैलाव हो रहा है।


एसडीसी फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक हिमालय की सैकड़ों ग्लेशियल झीलों में फैलाव हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार हिमालय में ग्लेशियर लेक में विस्फोट और इससे ग्लैसिअल लेक फ्लड आउटबर्स्ट आने जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। हिमालय को कवर करने वाली दीर्घकालिक उपग्रह इमेजरी से पता चला है कि 2016 और 2017 में पहचाने गए क्षेत्र में 10 हेक्टेयर से बड़ी 2,431 हिमनद झीलों में से 676 हिमनद झीलों का 1984 के बाद से उल्लेखनीय रूप से विस्तार हुआ है।

लगातार पतले हो रहे हैं ग्लेशियर
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा की इन 676 झीलों में से 130 भारत के भीतर हैं। जिनमें से 65, सात और 58 झीलें क्रमशः सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों में स्थित हैं। रिपोर्ट कहती है इस तरह की झीलों के फटने का खतरा बना रहता है, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ के कारण तबाही आ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में किए गए शोध से पता चला है कि दुनिया भर में ग्लेशियर लगातार पीछे हट रहे हैं और पतले हो रहे हैं।

नदियां ला सकती हैं प्राकृतिक आपदाएं
साल 2023 में केंद्र सरकार ने संसद में एक डरावनी रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में बताया गया कि हिमालय के ग्लेशियर अलग-अलग दर से पर तेजी से पिघल रहे हैं। इसके साथ ही ये भी बताया गया है कि लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन की वजह से हिमालय की नदियां किसी भी समय प्राकृतिक आपदाएं ला सकती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण कश्मीर से लेकर उत्तर-पूर्वी राज्यों तक हिमालय से आफत आ सकती

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