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उत्तराखण्ड

अब एनडीआरएफ अधिकारी खुद उड़ाएंगे ड्रोन, आपदा राहत में मिलेगा बढ़ा लाभ

आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के अधिकारी अब स्वयं ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (ITDA) के ड्रोन एप्लीकेशन एंड रिसर्च सेंटर द्वारा पांच दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है।


14 फरवरी तक चलेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम

उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (USAC) के सभागार में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में NDRF के असिस्टेंट कमांडेंट (AC) और इंस्पेक्टर रैंक के 25 अधिकारी शामिल हो रहे हैं। कार्यक्रम 14 फरवरी तक चलेगा, जिसमें ड्रोन तकनीक के विभिन्न पहलुओं और आपदा प्रबंधन में इसके उपयोग पर गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है।


ड्रोन तकनीक से राहत-बचाव कार्यों में सुधार

यूसैक में स्थापित आईटीडीए के ड्रोन एप्लीकेशन एंड रिसर्च सेंटर के विशेषज्ञों ने ड्रोन और उनके घटकों का विस्तृत परिचय दिया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य अधिकारियों को आपदा प्रबंधन, खोज एवं बचाव अभियानों, निगरानी और राहत वितरण में ड्रोन तकनीक के प्रभावी उपयोग की समझ विकसित करना है

ड्रोन तकनीक से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से राहत सामग्री पहुंचाने, हवाई सर्वेक्षण करने और फंसे हुए लोगों का पता लगाने में मदद मिलेगी। यह पहल उत्तराखंड जैसे आपदा-प्रवण राज्यों में बचाव कार्यों को अधिक कारगर बनाएगी

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