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उत्तराखण्ड

प्रदेश में इन जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है
मौसम विभाग के मुताबिक राज्य में आगामी 17 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना है ,अगले चार दिन तक प्रदेश में भारी बारिश होने की आशंका है। मौसम विज्ञान विभाग ने चंपावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में अत्याधिक बारिश की चेतावनी जारी की है। तीनों जिलों के जिलाधिकारियों को 14, 16 और 17 जुलाई को विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। इन दिनों में कहीं-कहीं बहुत भारी बारिश और बिजली चमकने की आशंका है


राज्य में भारी बारिश को देखते हुए आपदा प्रबंधन ने सभी जिलाधिकारियों को विद्यालयों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं।
14 जुलाई और 15 जुलाई को मौसम को देखते हुए अवकाश घोषित किया गया है। जबकि 16 जुलाई को रविवार पड़ रहा है। इसके बाद 17 जुलाई को हरेला का अवकाश है। यानी चार दिन विद्यालयों में अवकाश रहेगा, इस बार विद्यालयों के स्टाफ को भी अवकाश दिया गया है।

जारी आदेश में उत्तराखंड राज्य के समस्त विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों में 14 और 15 जुलाई को अवकाश घोषित कर दिया गया है, यह अवकाश विद्यार्थियों, शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक वर्ग के स्टाफ हेतु भी होगा। इसके अलावा 16 तारीख को रविवार है और 17 जुलाई को हरेला पर्व की पहले से ही छुट्टी घोषित है।


आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से जिलाधिकारियों को लिखे गए पत्र में बताया गया है कि राज्य भर में लगातार अतिवृष्टि के कारण आपदाएं और भूस्खलन समेत बाढ़ जैसी स्थिति भी देखने को मिली है उधर कई जगहों पर सड़क मार्ग बंद होने और बोल्डर गिरने तक की भी स्थिति दिखाई दी है राज्य में बारिश का सिलसिला पिछले कई दिनों से जारी है, जिससे भारी नुकसान हुआ है मौजूदा समय में हरिद्वार जिले में जलभराव की सबसे ज्यादा दिक्कतें हैं, स्कूली बच्चों पर इसका कोई असर ना पड़े इसके लिए एहतियाती रूप से यह कदम उठाया गया है।

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17 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी
उत्तराखंड के जनपदों में 17 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना है जिसको लेकर मौसम विभाग ने रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पूर्वानुमान के मुताबिक राज्य के सभी जिलों में 17 जुलाई तक लगातार बारिश की पूरी संभावना है।

मौसम विज्ञान केन्द्र ने आज 14 जुलाई को तीन जिलों चंपावत, नैनीताल, उधम सिंह नगर में भारी बरसात का रेड अलर्ट जारी किया है जबकि उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में येलो अलर्ट रहेगा, राज्य के बाकी जिलों में इस दिन ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।


वहीं 15 जुलाई के लिए राज्य के सभी जनपदों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है जबकि 16 जुलाई को चंपावत, नैनीताल, उधम सिंह नगर जिले के लिए रेड अलर्ट और राज्य के सभी अन्य जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 17 जुलाई को भी 16 जुलाई की तरह की ही स्थिति रहेगी।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि प्रत्येक स्तर पर तत्परता और सुरक्षा बनाए रखी जाए और आवागमन पर नियंत्रण हो। किसी भी आपदा की स्थिति में स्थलीय कार्रवाई हो और सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाए।

चार दिन स्कूलों में छुट्टी

राज्य में भारी बारिश को देखते हुए आपदा प्रबंधन ने जिला अधिकारियों को विद्यालयों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं।

14 जुलाई और 15 जुलाई को मौसम को देखते हुए अवकाश घोषित किया गया है। जबकि 16 जुलाई को रविवार पड़ रहा है। इसके बाद 17 जुलाई को हरेला का अवकाश है। यानी चार दिन विद्यालयों में अवकाश रहेगा, इस बार विद्यालयों के स्टाफ को भी अवकाश दिया गया है।

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मुख्यमंत्री ने स्थिति पर नजर बनाए रखने और आपदा पीड़ितों को तत्काल मदद के दिए निर्देश

प्रभावितों के लिए सभी जरुरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जल जनित रोगों से बचाव के प्रबंध भी कर लिए जाए। सभी सचिव अपने विभागों से संबंधित कार्य योजना बनाए और प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति और आपदा राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने और प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ये सुनिश्चित कर लिया जाय कि प्रभावितों को रहने खाने एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पूर्ण उपलब्धता हो।
फूड पैकेट की पर्याप्त उपलब्धता रखी जाए। पेयजल के साथ ही बच्चों को दूध की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए. आवश्यकता पड़ने पर हेलीकाप्टर से भी खाद्य सामग्री भेजी जाए। जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी की निकासी जल्द की जाए. जल जनित रोगों से बचाव के लिए भी सभी आवश्यक व्यस्थाएं की जाए। सभी संबंधित विभाग प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आकलन कर लें. बारिश से पेयजल, विद्युत, सड़क एवं अन्य व्यवस्थाएं जो प्रभावित हुए हैं, उन्हें शीघ्र सुचारू किया जाए। सभी विभागीय सचिव अपने अपने विभागों से संबंधित व्यवस्थाएं देखें और अपने जिला स्तरीय अधिकारियों के निरंतर संपर्क में रहें

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