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खेतों में धधक रही नाड़ की आग, धुएं से सांसों में घुल रहा जहर; जिम्मेदार कौन?



फिरोजपुर: लोकसभा चुनाव की तपिश बढ़ने के साथ ही खेतों में धधक रही आग में नियम-कानून भी राख हो रहे हैं। हैरानी इस बात की है राज्य में नाड़ जलाने के सबसे ज्यादा केस फिरोजपुर जिले में हैं और यहां के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हुए हैं।

हालात ऐसे हैं कि जिले में कहीं भी चले जाएं हर तरह नाड़ जलाने से उठ रहे धुएं के कारण लोगों को सांस लेने तक लेने में मुश्किल हो रही है और प्रशासन जिसकी जिम्मेदारी नाड़ को आग लगाने से रोकना है, वह अपने दफ्तरों के कमरे बंद कर एसी की ठंडी हवाएं ले रहे हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नाड़ से उठ रहे धुएं ने पूरे जिले को घेर रखा है और प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि उनके पास ऐसी कोई सूचना तक नहीं।
यही कारण है कि कोई भी अधिकारी प्रयास तक नहीं कर रहा। धुएं के कारण मोगा से फिरोजपुर, फिरोजपुर से फाजिल्का के बीच हाईवे पर शाम को चार बजे के बाद निकलना मुश्किल हो जाता है।
मामले की नहीं आई कोई शिकायत- नोडल अधिकारी
गेहूं की नाड़ में आग लगाने के मामले में कार्रवाई के लिए नोडल अधिकारी एसडीएम डॉ.चारुमिता ने दावा किया कि अभी तक खेत की नाड़ में आग लगने की कोई जानकारी उनके पास नहीं आई है, न ही किसी ने खेत की नाड़ में आग लगने की शिकायत की है।

जांच के बाद सही स्थिति की नहीं मिल पाई रिपोर्ट- अधिकारी
मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. जंगीर सिंह का कहना है कि गेहूं के सीजन में ज्यादातर आग लगती नहीं है, स्माग सेंसर से कितनी आग लगी है, इसका डाटा भी उनके पास उपलब्ध नहीं है। ज्यादातर मामलों में जांच के बाद सही स्थिति की रिपोर्ट नहीं मिली है।

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डीसी राजेश धीमान का कहना है कि चुनाव के कारण स्टाफ व्यस्त है। हालांकि प्रशासन पूरी तरह गंभीर है, कमेटियां बनी हैं, वे घटनाओं को रोकने के लिए किसानों को प्रेरित कर रही हैं।

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