Connect with us

कुमाऊँ

11को ही मनाया जायेगा रक्षाबंधन-रमेश जोशी

रामनगर। वरिष्ठ पंचाग संपादक डा रमेश चंद्र जोशी ने रक्षाबंधन पर उठ रही समस्याओं का प्रमाणित समाधान दे दिया है अब किसी प्रकार का कोई भ्रम नहीं रह गया 11 को ही मनाया जायेगा श्रावणी उपाक्रम व रक्षाबंधन। “11 अगस्त को ही रक्षा बन्धन शास्त्र सम्मत “
सभी धर्म प्रेमी सज्जनों को अत्यन्त कष्ट के साथ सूचित करना है कि इस वर्ष विभिन्न पंचांगो में रक्षा वन्धन 11 अगस्त व 12 अगस्त दो दिन दिये जाने से हिन्दू समाज में बड़े भ्रम और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है । पर्वों की राष्ट्रीय स्तर पर एक रूपता के लिए विगत आठ वर्षों से किये जा रहे हमारे सभी प्रयास आज विफल हो गये हैं जब उत्तराखंड के सभी पंचांगकारो ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि वे पर्वों की एकरूपता के लिए किसी भी दशा में वार्ता हेतु एक मंच पर नहीं आ सकते और हम तिथि पर्व अपने पंचांगो की पूर्व परम्परा के अनुसार ही देंगे । दो दिन पर्व होने पर हिन्दू समाज को होने वाली परेशानी से विशेषकर उत्तराखंड के पंचागकारों व विद्वानों को कोई असर नहीं पड़ता उन्हें तो “बाबा वाक्यम् प्रमाणम् “के अनुसार अपने को सम्पूर्ण भारतवर्ष से विशिष्ट दिखाने के लिए पूरे देश से दूसरे दिन पर्व का निर्णय देना इनकी प्रवृति बन गई है ,इन पंचांगकारों व विद्वानों ने हिन्दू समाज को विभाजन के अलावा कुछ नहीं दिया । अब समय आ गया है ऐसे समाज को भ्रमित करने वाले लोगों से प्रत्येक हिन्दू को यह जरूर पूछना चाहिए कि “दो दिन पर्व देकर आप हिन्दू समाज को क्या सन्देश देना चाहते हैं ?”
2- श्रावणी उपाकर्म व रक्षा बन्धन का निर्णय :-सुप्रसिद्ध धर्म ग्रन्थों निर्णय सिन्धु,धर्म सिन्धु,पुरुषार्थ चिन्तामणि,कालमाधव,निर्णयामृत आदि के अनुसार दिनांक 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि दो मुहूर्त से कम होने के कारण दिनांक 11 अगस्त को ही श्रावणी उपाकर्म व रक्षा बन्धन शास्त्र सम्मत हैं ।
3-भद्रा निर्णय:-मुहूर्त चिन्तामणि 1/45 के अनुसार मकर राशि के चन्द्रमा में भद्रा वास पाताल में होने से इस दिन मकरस्थ चन्द्रमा की भद्रा को पीयूषधारा,मुहूर्त गणपति,भूपाल बल्लभ,आदि ग्रन्थों में अत्यन्त शुभ व ग्राह्य बताया गया है (देखिए वृहद् दैवज्ञ-रंजन 26/40) फिर मुहूर्त प्रकाश में तो स्पष्ट ही कहा है कि आवश्यक कार्य में मुख मात्र को छोड़कर सम्पूर्ण भद्रा में शुभ कार्य कर सकते हैं । भद्रा का मुख सायं 5:51 बजे से प्रारम्भ हो रहा है अतः पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ प्रातः 10:39 बजे से सायं 05:51 बजे तक का सम्पूर्ण समय श्रावणी उपाकर्म व रक्षा बन्धन के लिए पूर्णरूपेण शुद्ध हैं ।
4-राजकीय अवकाश व व्यवहारिक पक्ष:-भारत सरकार द्वारा मूर्धन्य विद्वानों की अनुशंसा पर 11अगस्त को रक्षाबंधन का राजकीय अवकाश घोषित किया गया है ।अतः पूरे विश्व में 11 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व प्रातः 10:39 बजे से सायं 05:51 बजे तक नि:शंकोच होकर मनायें भद्रा का कोई दोष नहीं है। किसी भी हालत में पर्व दो दिन न हो यह प्रयास करें ।

05-निर्णयामृत धर्म ग्रन्थ के आधार पर श्रावणी उपाकर्म (जनेऊ धारण) भाद्रपद कृष्ण प्रतिपदा व धनिष्ठा नक्षत्र में नहीं हो सकता है इस कारण भी 11 अगस्त को ही प्रातः 10:39 से सायंकाल 05:51 के मध्य सम्पूर्ण समय उपाकर्म व जनेऊ धारण के लिए शुभ है यहाँ भी पूर्ववत् भद्रा का कोई दोष नहीं है ।

यह भी पढ़ें -  पर्वतीय पत्रकार महासंघ उत्तराखंड की रुद्रपुर महानगर इकाई का गठन,मंडल अध्यक्ष,बत्रा बने महामंत्री

निर्णय का सार :- दिनांक 11 अगस्त 2022 को प्रातः 10:39 बजे से सायं 05:51 बजे तक बिना किसी संकोच के श्रावणी उपाकर्म (जनेऊ धारण) व रक्षाबंधन निःशंकोच मनायें तथा पर्वों की एकरूपता बनाये रखें ।
“श्री गिरिजा माता की जय”
निवेदक:-आचार्य (डॉ)रमेश चन्द्र जोशी , प्रधान सम्पादक श्रीताराप्रसाददिव्य पंचांग -9410167777

Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Continue Reading
You may also like...

More in कुमाऊँ

Trending News