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45 हजार सिमकार्ड खरीदकर करोड़ों रुपये ठगने वाला आरोपी गिरफ्तार, उत्तराखंड से भी 80 लाख रुपए ठगी का खुलासा
देहरादून। देशभर में ठगी के लिए 45 हजार सिमकार्ड खरीदकर लोगों से करोड़ों रुपये ठगने वाले आरोपी को एसटीएफ ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने फर्जी कंपनी बनाकर लोगों से निवेश के नाम पर ठगी की थी। दून निवासी व्यक्ति भी 80 लाख रुपये की ठगी का शिकार हुआ था। एसटीएफ ने आरोपी के पास से तीन हजार सिमकार्ड भी बरामद किए हैं। आरोपी को न्यायालय के आदेश से जेल भेज दिया गया है।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि दून निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत की थी। व्यक्ति को टी रॉव प्राइस स्टॉक पुल अप ग्रुप ए82 नाम के व्हाट्सएप ग्रुप पर जोड़ा गया था। वहां पर स्टॉक ट्रेडिंग के बारे में जानकारी दी गई।
ग्रुप संचालित करने वालों ने खुद को इंदिरा सिक्योरिटीज कंपनी का अधिकारी बताया और एक खाता खुलवाकर ट्रेडिंग शुरू कराई। उन्हें एक अन्य ग्रुप इंदिरा कस्टमर केयर ए303 से जोड़कर एक एप डाउनलोड कराया गया। यहां पर उनसे खाते में कुल 80 लाख रुपये निवेश कराया गया। निवेश में फायदा दिखाया लेकिन पैसे नहीं निकालने दिए गए। इसके कुछ दिन बाद आरोपियों ने संपर्क बंद कर दिया।
एसटीएफ ने मामले की जांच की तो पता चला कि जिन नंबरों से पीड़ित को फोन और व्हाट्सएप कॉलिंग की गई है वह जीनो टेक्नोलॉजी के नाम से मुदस्सिर मिर्जा निवासी तुर्कमान गेट चांदनी महल दिल्ली के नाम पर रजिस्टर्ड है। आरोपी की तलाश में एसटीएफ और साइबर थाने की एक टीम बनाई गई।
टीम ने आरोपी मुदस्सिर को बुधवार को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से तीन हजार एमटूएम सिमकार्ड बरामद हुए हैं। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने देशभर में ठगी के लिए कुल 45 हजार सिमकार्ड खरीदे थे। इसके बाद इन्हें अपने एजेंटों को दे दिया गया। ये एजेंट देशभर में फैले हैं। आरोपियों ने देशभर में इसी तरह लोगों को ट्रेडिंग के नाम पर ठगा था।
एसएसपी ने बताया कि मुदस्सिर ने कॉरपोरेट आईडी के नाम पर 45 हजार सिमकार्ड जारी कराए। इसके लिए मुंबई में एक ऑफिस बनाया। एक फर्जी कंपनी तैयार कर उसके लोगों को मैसेज कर स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश की जानकारी देकर लाभ कमाने का प्रलोभन दिया जाता है। लोगों को विश्वास में लेकर फर्जी व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर लिंक के माध्यम से विभिन्न एप डाउनलोड कराने के बाद निवेश के नाम पर धोखाधड़ी की जाती है।
एम2एम संचार आमतौर पर मशीनों के बीच होता है, जहां नेटवर्क डिवाइस बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। यह रेगुलर सिम से अलग है जिसे एक फोन से दूसरे फोन में ट्रांसफर किया जा सकता है। डेबिट/क्रेडिट कार्ड स्वैपिंग मशीन, पीओएस (प्वाइंट-ऑफ-सेल) डिवाइस जैसे उपकरण एम2एम संचार में शामिल होते हैं। इस प्रकार के संचार का उपयोग गोदाम प्रबंधन, रोबोटिक्स, यातायात नियंत्रण, रसद सेवाओं, आपूर्ति शृखंला प्रबंधन, बेड़े प्रबंधन, रिमोट कंट्रोल और बहुत कुछ में भी किया जाता है। इसके अलावा, इसका उपयोग उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरणों के लिए किया जा रहा है