Connect with us
Breaking news at Parvat Prerna

उत्तराखण्ड

कांग्रेस ने उतारे कालाढूंगी सीट पर दमदार प्रत्याशी,पूर्व सांसद सीनियर एडवोकेट डॉ महेंद्र पाल का राजनीतिक सफर

हल्द्वानी। लंबी इंतजारी के बाद कांग्रेस ने काफी मंथन कर 11 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा। यही नहीं जिले की कालाढूंगी सीट को भी हॉट सीट बना दिया है। यहां भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत का मुकाबला सीधे कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व सांसद डॉ महेन्द्र सिंह पाल के साथ होगा।कुलमिलाकर इस सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा। राजनीतिक अनुभव में जहां बंशीधर भगत कम नहीं हैं वहीं स्वच्छ छवि एवं ईमानदार, कर्मठ कांग्रेस प्रत्याशी डॉ महेंद्र पाल किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वह अपने आप में दमदार व्यक्तित्व हैं।
आइये जानते हैं डॉ महेंद्र सिंह पाल के बारे में,

सीमांत जनपद के अस्कोट देवल दरबार राजपूत राजघराने के वंशज एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय में छात्र जीवन से राजनीति में रहे, पूर्व में दो बार सांसद रहे, सीनियर एडवोकेट डॉ पाल उत्तराखंड बार काउंसिल में एवं उत्तराखंड बार एसोसिएशन में कई बार अध्यक्ष रहे, साथी सोल्जर बोर्ड उत्तराखंड हल्द्वानी की कानूनी सलाहकार के रूप में भी उन्होंने कार्य किया। डॉक्टर पाल सन 1989 से 1991 तथा सन् 2002 से 2004 तक नैनीताल सीट से सांसद रहे हैं ।

कांग्रेस सरकार के दौरान उन्हें शहरी एवं ग्रामीण विकास संबंधी विभिन्न समितियों में केंद्र सरकार द्वारा नामित सदस्य भी बनाया गया। पेशे से वकील डॉक्टर पाल को सन 2004 में उत्तराखंड हाई कोर्ट में डेजिग्नेटिड सीनियर एडवोकेट का स्थान दिया गया। उत्तराखंड हाई कोर्ट में एवं सुप्रीम कोर्ट में डॉ पाल एक प्रख्यात एडवोकेट के रूप में जाने जाते हैं। पूर्व में वह एडिशनल एडवोकेट जनरल भी रहे हैं।

बता दें की डॉक्टर पाल के पिता देव शमशेर सिंह पाल दूसरे विश्व युद्ध में बहादुर योद्धा रहे, उनकी मां का नाम श्रीमती सोना देवी है। अपने माता पिता की याद में उन्होंने भवाली में एसएस पाल नैनीताल पब्लिक स्कूल नाम से एक चैरिटी स्कूल भी खोला है। इस स्कूल को डॉक्टर पाल एवं उनकी सहधर्मी श्रीमती लेफ्टिनेंट कर्नल मीना शाह मिलकर चलाते हैं।
डा पाल की तंदुरुस्ती में जीवन के छठे दशक में भी ३० साल के युवा जैसी रौनक रहती है।

यह भी पढ़ें -  ट्रैक्टर ट्रॉली से टकराने के बाद कार में लगी आग

डॉ महेंद्र पाल की पत्नी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल रही हैं।पिथौरागढ़ जनपद के दूरस्थ अस्कोट पाल राजघराने से आने वाले डॉक्टर महेंद्र सिंह पाल अपनी विनम्रता, योग्यता, ईमानदारी, उच्च शिक्षा एवं मिलनसारता के लिए जाने जाते हैं। इतनी बड़ी रियासत से जनजीवन मिलने पर भी उतनी ही गहरी उनके अंदर विनम्रता है। दो बार सांसद रहे उच्च शिक्षा प्राप्त डॉ महेंद्र पाल का प्रदेश की राजनीति में एमएलए के लिए चुनाव लड़ना इस बात का प्रतीक है कि पढ़े लिखे स्वयं में सक्षम उच्च शिक्षित लोग प्रांत की राजनीति में दखल करके यहां की सूरत बदलना चाहते हैं।

समय-समय पर एवं लंबे वक्त तक कुमाऊं विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल में भी डॉक्टर महेंद्र पाल प्रखर एवं प्रमुख सदस्य रहे हैं। वे विश्वविद्यालय से संबंध एमबीए कॉलेज हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी के संस्थापक सदस्य भी रहे हैं। छात्र जीवन में डॉक्टर पाल कई बार कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के छात्र संघ अध्यक्ष रहे। कांग्रेस राजनीति में डॉक्टर पाल सोनिया गांधी के चहेते नेताओं में माने जाते हैं वहीं प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रहे प्रीतम सिंह की भी डॉक्टर पाल से करीबी है। इससे पहले डॉ पाल नेपाल कांग्रेस में उपाध्यक्ष भी रहे हैं उनके बारे में अनुमान लगाया जा रहा था कि उन्हें कालाढूंगी सीट से निश्चित टिकट मिल जायेगा। कालाढूंगी में डॉक्टर पाल का अपना एग्रीकल्चर फार्म है और यहां जनता में बहुत अच्छी पकड़ भी है।

-पर्वत प्रेरणा ब्यूरो

Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

Trending News