Connect with us

उत्तराखण्ड

भूमिया धार राजकीय इंटर कॉलेज के शिक्षकों ने मिशाल कायम किया, पढ़िए पूरी खबर

रिपोर्ट – भुवन ठठोला नैनीताल। भूमिया धार एक ऐसा स्कूल है जहां शिक्षक अपने खुद के पैसे से बच्चों को मूर्तियां बनाने और पेंटिंग संगीत का परीक्षण दे रहे हैं अहम भूमिका अदा करता है। विद्यालय ज्ञान का एक ऐसा मंदिर है, जो विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए बेहद जरूरी है।विद्यार्थी विद्यालय से जो भी सीखते है उससे वह जीवन में आगे चलकर एक सफल इंसान बनाता है।

ऐसा ही एक विद्यालय नैनीताल जिले के भूमियाधार में भी स्थित है जिसका नाम है राजकीय इंटर कॉलेज, जहां पढ़ाई के साथ–साथ विद्यार्थियों को आत्निर्भर बनने के गुर भी सिखाए जा रहे हैं। जिससे उनके अंदर स्वरोजगार की भावना पैदा हो और आगे चलकर वह आत्मनिर्भर बन सकेंगे। यह स्कूल उन सभी विद्यालयों के लिए एक मिशाल है जो विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के नाम पर मोटी रकम वसूलते हैं।

इस सरकारी विद्यालय के शिक्षकों द्वारा इन दिनों बच्चों को रोजगार परक शिक्षा के तहत मूर्तिकला का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसे सीख बच्चें बेहतरीन मूर्तियां बना रहें हैं, और मूर्तियां ऐसी की मानो किसी मंझे हुए मूर्तिकार ने इन्हें बनाया हो। स्कूली बच्चों ने बेहतरीन और आकर्षक मूर्तियां बनाई है, जो दिखने में बेहद खूबसूरत है। विद्यालय के शिक्षक त्रिभुवन अग्रगामी जो इन दिनों विद्यालय के प्रधानाचार्य दिनेश कांडपाल और स्टाफ की मदद से बच्चों के इस हुनर को तराश रहे हैं।

शिक्षक त्रिभुवन अग्रगामी ने बताया कि कला एक ऐसी विधा है जिससे विद्यार्थी के जीवन का सर्वांगीण विकास होता है. जिसके लिए उनके द्वारा विद्यालय में मूर्तिकला कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जहां वह बच्चों को मूर्ति बनाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं, जिससे उनके व्यक्तित्व का विकास हो सके। बताया कि उन्हें कुछ समय पहले इस मूर्तिकला को सीखने का अवसर मिला था, जिसे अब वह स्कूली बच्चों को सिखा रहे हैं।

यह भी पढ़ें -  ब्रेकिंग- पूर्णागिरि काली मंदिर के समीप दुकान में लगी आग पुलिस टीम हुई रवाना

आगे बताया कि इस प्रशिक्षण में जो भी खर्च आता है वह इसे खुद ही वहन करते हैं ताकि बच्चों पर इसका भार न पड़े.उन्होंने आगे कहा कि यह एक ऐसी कला है जो बच्चों के जीवन में हमेशा काम आएगी। बताया कि इस कला को काफी प्रशिक्षण के बाद ही बनाया जाता है और सीखने के बाद इसे मार्बल व काष्ठ (लकड़ी) पर भी बनाया जा सकता है।

Ad
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखण्ड

Trending News