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चारधाम यात्रा 2024: लौटे यात्रियों में 60 प्रतिशत बीमार, यात्रा पर आ रहे हैं तो गर्म कपड़े जरूर लाएं
, ऋषिकेश: तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित चार धामों में पल-पल बदलते तापमान में खुद को ढालना चुनौती से कम नहीं है। मौसम के अनुकूल यात्रियों को खुद को ठंड से बचाना जरूरी है।
तीर्थयात्री अपने साथ पर्याप्त गर्म कपड़े लेकर चलें। ऐसा इसलिए क्योंकि मैदान की अपेक्षा पहाड़ों में तापमान काफी कम है। स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि चारधाम से लौटकर आ रहे तीर्थयात्रियों की तबीयत बिगड़ रही है।
बीमार होने के ज्यादातर मामलों में ठंड लगना सामने आया है। 60 प्रतिशत यात्रियों में खांसी, जुकाम और बुखार के लक्षण मिले हैं। माना जा रहा है कि मैदानी राज्यों के तीर्थ यात्री ठंड में खुद को ढाल नहीं पा रहे हैं। ऐसे में थोड़े से प्रयास से यात्रा को आरामदायक बना सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग भी यात्रियों से ठंड से बचने के लिए सजगता बरतने की अपील कर रहा है।
1296 यात्री सर्दी से ग्रस्त पाए गए
ऋषिकेश स्थित ट्रांजिट कैंप में चारधाम की यात्रा करके लौटे यात्रियों में से करीब 2150 यात्रियों ने चिकित्सा जांच कराई है, जिनमें 1296 यात्री सर्दी से ग्रस्त पाए गए हैं। चिकित्सा केंद्र प्रभारी विजय गौड ने बताया कि इन यात्रियों को दवाइयां दी जा रही हैं। कई यात्रियों को एक-दो दिन आराम करने के बाद लौटने की सलाह दी गई है।
विजय गौड ने कहा कि ज्यादातर यात्री राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, दिल्ली, कर्नाटक से हैं। ये लोग चारधाम यात्रा के तापमान में खुद ढाल नहीं पाते। इसका दूसरा कारण यह भी है कि ये यात्री चारधाम में ठंड की स्थिति को गंभीरता से नहीं लेते हैं। ठंड से बचाव के उपयुक्त साधन लेकर भी नहीं चलते। इस कारण अचानक बर्फीले तापमान के बीच रहकर यात्रियों को ठंड लग जाती है।
ठंड से बचने के लिए ये सजगता भी जरूरी :
रेन कोट जरूर अपने साथ रखें
जरूरी दवाइयां साथ ले जाएं
कोई भी शारीरिक समस्या होने पर नजदीकी ट्रांजिट कैंप में जांच अवश्य कराएं
यात्रा मार्ग पर तकलीफ होने पर नाक से लंबी सांस लें और मुंह से सांस बाहर छोड़ें
दो धामों की यात्रा साथ करने के बजाए, एक दिन में एक धाम में जाएं
नियमित रूप से व्यायाम अवश्य करते रहें, ताकि शरीर को गर्म किया जा सके
ऐसे हो रही यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच
प्रशासन की ओर से हर चार किलोमीटर की दूरी पर मेडिकल रिलीफ पोस्ट (एमआरपी ) स्थापित किए गए हैं, जहां यात्रियों की स्वास्थ्य जांच करने, दवा देने और अल्पकालीन आराम जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।
गढ़वाल में स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था हंस फाउंडेशन ने 70 स्वास्थ्य कैंप स्थापित किए हैं। ब्लॉक, जिला अस्पताल में विशेष प्रबंध किए गए हैं।
ऋषिकेश और हरिद्वार में ट्रांजिट कैंप में यात्रियों की यात्रा में जाने व वापस आने पर जांच और उपचार हो रहा है।