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उत्तराखण्ड

लव जिहाद ने बढ़ाई चिंता, उत्तराखंड में पांच माह में मिले 46 मामले, मुस्लिम व्यापारियों की दुकानें बंद

देहरादून। लव जिहाद के बढ़ते मामलों ने उत्तराखंड की चिंता बढ़ा दी है। प्रदेशभर में लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो इस वर्ष पांच महीनों में अब तक ऐसे 46 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें दर्जनभर से अधिक मामले एक महीने के अंतराल में आए हैं। कई ऐसे मामले भी सामने आए, जो पुलिस तक पहुंचे ही नहीं।

इस तरह की घटनाओं से देवभूमि में सांप्रदायिक सदभाव को भी खतरा पैदा होने की आशंका जताई जा रही है। लव जिहाद में मुस्लिम युवकों की संलिप्तता से पूरे प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के प्रति गुस्से का माहौल है। इसको देखते हुए पुलिस-प्रशासन सक्रिय हो गया है।विभिन्न वर्गों के साथ बैठकें भी कर रही है।

बीते वर्ष भी लव जिहाद के 78 मामले प्रकाश में आए थे। ऐसे में इसको जनसांख्यिकी बदलाव के एजेंडे से जोड़कर भी देखा जा रहा है। यह अलग बात है कि कोई भी आधिकारिक तौर पर इस संबंध में खुलकर बोलने से बच रहा है। सबसे ज्यादा आक्रोश हालिया दिनों में उत्तरकाशी मेंलव जिहाद को लेकर सबसे ज्यादा आक्रोश हालिया दिनों में उत्तरकाशी में देखा जा रहा है। बीती 26 मई को यहां पुरोला में नाबालिग को भगाने का प्रयास करने पर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर निवासी उबेद खान और जितेंद्र सैनी को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपितों की पुरोला बाजार में दुकानें हैं।

यह मामला शांत नहीं हो पाया था कि 8 जून को उत्तरकाशी के ही मोरी में एक मुस्लिम युवक ने दो सगी नाबालिग बहनों को भगा ले जाने का प्रयास किया। पुरोला के साथ ही जिले के चिन्यालीसौड़, डुंडा, नैनबाग, भटवाड़ी समेत अन्य हिस्सों में भी व्यापारी, हिंदू संगठन और स्थानीय लोग मुस्लिम समुदाय के खिलाफ लामबंद हैं। पुरोला में दो सप्ताह से मुस्लिम व्यापारियों की दुकानें बंद हैं। यहां 15 जून को महापंचायत बुलाने के साथ ही इससे पहले मुस्लिम व्यापारियों को दुकानें खाली करने की चेतावनी दी गई है। जिसके बाद करीब एक दर्जन मुस्लिम व्यापारी दुकान खाली करके जा चुके हैं।

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इस बीच, 6 जून को चमोली जिले के गौचर में दो मुस्लिम युवक रुद्रप्रयाग निवासी नाबालिग लड़की को लेकर होटल पहुंच गए, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसको लेकर हंगामा भी हुआ। इसी रोज हरिद्वार में मुस्लिम युवक के हिंदू गर्भवती किशोरी को अस्पताल लेकर पहुंचने पर हिंदू संगठनों ने हंगामा किया। बाद में किशोरी के भाई की तहरीर पर आरोपित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

देहरादून जिले के विकासनगर, चकराता और डोईवाला क्षेत्र में भी ऐसे मामले चर्चाओं में हैं। पिछले 1 माह में लव जिहाद के सबसे अधिक आठ मामले देहरादून जिले में सामने आए हैं। लव जिहाद सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरनाक है। सरकार को ऐसे मामलों पर सख्त कदम उठाने का पूरा अधिकार है। राज्य बनने के बाद देहरादून में बिंदाल और रिस्पना समेत कई नदी-नालों के किनारे हजारों की संख्या में बाहरी लोग बस गए। यही आबादी जनसांख्यिकी बदलाव का कारण भी है।

हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में भी तेजी से जनसांख्यिकी बदलाव हुआ है। कुछ दिन पहले हरिद्वार में चार बांग्लादेशी पकड़े गए थे, जिनके पास यहां के आधार कार्ड भी मिले। जिस तरह उत्तरकाशी, चमोली और हरिद्वार में लव जिहाद के मामले सामने आए हैं, वह चिंताजनक है। पुलिस को बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन और पहचान छिपाकर प्रदेश में निवास करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में पुलिस महानिदेशक और सभी जिलों के एसएसपी व एसपी को पत्र भेजा गया है।

-कुसुम कंडवाल, अध्यक्ष, महिला आयोग

अपराध करने वाले को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। लव जिहाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए गंभीरता से कार्रवाई करने और सभी जिला प्रभारियों को शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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-अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड इस्लामिक पहचान छिपाना शरीयत में नाजायज और गुनाह है। ऐसा कृत्य करने वाले मुस्लिम युवक तौबा के हकदार हैं। इस्लाम ऐसे किसी भी कृत्य से बचने और तौबा करने की हिदायत देता है।

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