उत्तराखण्ड
चारधाम यात्रा: यमुनोत्री जाने वाले दें ध्यान… अब दर्शन करके लौटना होगा 60 मिनट में
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर आवाजाही को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक घोड़े-खच्चर एवं डंडी के आवागमन के लिए अधिकतम संख्या और समयावधि तय कर दी है। डीएम के आदेशानुसार जानकीचट्टी से यमुनोत्री एवं यमुनोत्री से जानकीचट्टी आने-जाने वाले घोड़े-खच्चरों की संख्या अधिकतम 800 तय की गई है। जिस पर घोड़े-खच्चरों के आवागमन का समय सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक ही रहेगा। 800 घोड़े खच्चरों के राउंड पूरे होने पर जानकीचट्टी से उसी अनुपात में घोड़े खच्चर भेजे जाएंगे जिस अनुपात से यह यमुनोत्री से वापस आएंगे। इसके साथ ही प्रशासन ने प्रत्येक घोड़े-खच्चर के प्रस्थान, यात्री के दर्शन तथा वापसी के लिए भी पांच घंटे की समयावधि तय की है। पांच घंटे से ज्यादा देर तक कोई भी घोडा-खच्चर यात्रा मार्ग पर नहीं रहेगा।घोड़ा-खच्चर का संचालन प्रीपेड काउंटर से होगा। जिसके लिए वही पर पर्ची भी काटी जाएगी और वहीं पर भुगतान किया जाएगा। जिसकी जानकारी यात्री को लाउडस्पीकर के मध्यमा से di जाएगी।वहीं डीएम के आदेश में जानकीचट्टी से यमुनोत्री आने-जाने वाली डंडी-कंडी की अधिकतम संख्या 300 तय की गई है। इनके आवागमन का समय सुबह 4 बजे से शाम 4 बजे तक निर्धारित किया जाता है। यात्रा मार्ग पर प्रत्येक डंडी-कंडी केवल छह घंटे ही आवागमन कर सकेगी। इन्हें 50 के लॉट में छोड़ा जाएगा। एक लॉट के छोड़े जाने के बाद दूसरा लॉट एक घंटे बाद रोटेशन अनुसार छोड़ा जाएगा। डंडी-कंडी का संचालन सिर्फ बिरला धर्मशाला से किया जाएगा।