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मध्यप्रदेश के दामाद थे विपिन रावत,मधुलिका शहडोल के राजा की पुत्री थी

पूरे देश को पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत व उनके साथ अन्य योद्धाओं को खोने का गम है। पूरा देश सदमे में है, खासतौर पर उत्तराखंड और मध्यप्रदेश में सीडीएस विपिन रावत व मधुलिका के आकस्मिक निधन पर शोक छाया हुआ है। विपिन रावत मध्यप्रदेश के दामाद भी थे। गत दिवस हेलिकॉप्टर क्रेस होने के दौरान उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी उनके साथ थी। पति के साथ उनका भी स्वर्गवास हो गया। आपको बताते चलें कि विपिन रावत मध्यप्रदेश के दामाद थे। उनकी ससुराल मध्यप्रदेश के शहडोल जिले की है। स्वर्गीय मधुलिका सिंह (रावत) शहडोल जिले के गढ़ी सोहागपुर के राजा मृगेंद्र सिंह की इकलौती पुत्री थीं। दो भाइयों में अकेली बहन मधुलिका घर की चहेती थीं। उनके विवाह की रस्म दिल्ली में सम्प्पन हुई थीं। उनकी दो बेटियां हैं, बड़ी बेटी कृतिका जिसकी शादी हो चुकी है, जबकि छोटी बेटी तनु जो हादसे के वक़्त घर पर अकेली थी। हादसे की खबर मिलते ही शहडोल जिले में भी शोक की लहर दौड़ गयी। मधुलिका रावत के छोटे भाई यशवर्धन सिंह वहां के लिए रवाना हुए।
आपको बताते चलें कि जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष थीं और शहीदों के आश्रितों की भलाई के अभियान में सक्रिय रहती थीं।आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन भारत के सबसे बड़े स्वैच्छिक संगठनों में से एक है, जो स्थापना के समय से ही आर्मी जवानों की पत्नी, सेना के कर्मियों के आश्रितों के सामाजिक सशक्तिकरण और कौशल निर्माण में लगा है। वे यहां सिलाई, बुनाई भी सिखाती थीं।
पारिवारिक सूत्रों से हासिल जानकारी के मुताबिक मधुलिका को सिलाई, बुनाई का काफी शौक था। वे खाली समय में सिलाई करती थीं। इतना ही नहीं इसके लिए उन्हें राष्ट्रपति अवार्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा भूटान में उनके नाम का डाक टिकट भी जारी जो चुका है।
मालूम हो कि विपिन रावत का परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में अपनी सेवा दे रहा है। उनके पिता लक्ष्मण सिंह लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए। वहीं उनकी मां प्रदेश के उत्तरकाशी की रहने वाली हैं, जो पूर्व विधायक किशन सिंह परमार की बेटी भी हैं। जनरल रावत की दो बेटियां हैं। एक बेटी का नाम कृतिका रावत जबकि दूसरी बेटी के नाम तनु रावत है।

जनरल बिपिन रावत ने देहरादून और शिमला में पढ़ाई पूरी करने के बाद एनडीए और आईएमए देहरादून से सेना में एंट्री ली थी। वे 1978 में सेना में शामिल हुए थे। उन्होंने मेरठ यूनिवर्सिटी से मिलिट्री-मीडिया स्ट्रैटेजिक स्टडीज में पीएचडी भी की थी।
जनरल बिपिन रावत ने 17 दिसंबर 2016 को जनरल दलबीर सिंह सुहाग के बाद 27वें सेनाध्यक्ष के रूप में भारतीय सेना की कमान संभाली थी। 1 जनवरी 2020 को देश में पहली बार CDS सीडीएस की नियुक्ति हुई थी और जनरल बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस नियुक्त किए गए।

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