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उत्तराखण्ड

परिवहन निगम कर्मचारी कई मांगों को लेकर आंदोलन पर अडिग, 10 अक्टूबर से करेंगे हड़ताल, ये रही मांगें…

देहरादून: सरकार और प्रबंधन के रवैये से नाराज उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मियों ने इस बार हड़ताल स्थगित करने की अपील ठुकरा दी है। परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने आंदोलन व हड़ताल का कार्यक्रम यथावत रखने की चेतावनी दी है।

चरणबद्ध आंदोलन के क्रम में मोर्चा ने तीन अक्टूबर को देहरादून आइएसबीटी, पांच अक्टूबर को हल्द्वानी बस स्टेशन और छह अक्टूबर को टनकपुर कार्यशाला में एक दिवसीय हड़ताल का नोटिस दिया हुआ है। इसके बाद 10 अक्टूबर की सुबह देहरादून में सचिवालय कूच किया जाएगा और रात्रि 12 बजे से कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे।

विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन पर अडिग संयुक्त मोर्चा
नई बसों की खरीद, अवैध बसों के संचालन पर लगाम समेत विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा आंदोलन पर अडिग है। कर्मचारियों की समस्या व मांगों को लेकर जनवरी में निगम के चार प्रमुख संगठनों रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन, उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन व एससी-एसटी श्रमिक संघ ने संयुक्त मोर्चा का गठन किया था।

संयुक्त मोर्चा ने हड़ताल का दिया था नोटिस
संयुक्त मोर्चा ने जनवरी और अप्रैल में भी हड़ताल का नोटिस दिया था, लेकिन तब सरकार व प्रबंधन ने उन्हें मना लिया था। संयुक्त मोर्चा की ओर से 27 सितंबर की मध्य रात्रि से हड़ताल की चेतावनी दी गई थी मगर निगम प्रबंधन ने 23 सितंबर को वार्ता कर कर्मचारियों से वार्ता कर मांगों पर कार्रवाई के लिए समय मांगा। जिस पर मोर्चा ने 15 दिन का समय देकर 27 सितंबर से होने वाली हड़ताल 10 अक्टूबर तक स्थगित कर दी और चरणबद्ध आंदोलन का नोटिस प्रबंधन को थमा दिया।

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एक दिवसीय आंदोलन स्थगित करने की अपील
निगम प्रबंधन ने की अपील परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन की ओर से संयुक्त मोर्चा पदाधिकारियों को शुक्रवार को एक पत्र भेजकर तीन, पांच व छह अक्टूबर का एक दिवसीय आंदोलन स्थगित करने की अपील की। इसी के साथ 10 अक्टूबर से प्रस्तावित हड़ताल टालने का भी आग्रह किया।

कई मांगों को मिली मंजूरी
प्रबंधन के अनुसार, कर्मचारियों की कई मांगें मानी जा चुकी हैं और 130 नई बसों की खरीद भी शुरू कर दी गई है। इस पत्र के जवाब में संयुक्त मोर्चा संयोजक अशोक चौधरी ने प्रबंध निदेशक को पत्र भेजकर आंदोलन स्थगित करने से मना कर दिया। कहा कि सरकार व प्रबंधन परिवहन निगम कर्मचारियों की समस्या व मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। हर बार छल कर कर्मचारियों से समझौता कर लिया जाता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।

संयुक्त मोर्चा की प्रमुख मांगें
सौ नई बसों की खरीद तत्काल की जाए।
योजना के तहत हर माह 20 नई बसें ली जाएं और कुल 500 नई बसों की खरीद की जाए।
परिवहन निगम के अस्तित्व को खत्म करने के लिए सभी शहरों में अवैध रूप से चलाई जा रही निजी बसों का संचालन बंद किया जाए।
संविदा व विशेष श्रेणी चालक-परिचालक व तकनीकी कर्मियों के लिए सेवा नियमावली बनाई जाए।
निगम में कलपुर्जों की खरीद में प्रशासनिक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाए और खरीद के लिए नियामवली बनाई जाए।
परिवहन निगम में मृतक आश्रितों को तत्काल नियुक्ति दी जाए।
सातवें वेतनमान व बढ़े महंगाई भत्ते के एरियर भुगतान समस्त कार्मिकों को एक जनवरी-2023 से दिया जाए और मकान किराये भत्ते का लाभ शुरू किया जाए।
निगम कर्मियों को गर्मी व सर्दी का वर्दी व प्रदूषण भत्ता दिया जाए।
निगम में एजेंसी प्रथा बंद कर संविदा व विशेष श्रेणी चालक-परिचालकों को नियमित किया जाए और रिक्त पदों पर सीधी भर्ती से नियुक्ति दी जाए।

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