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उत्तराखण्ड

चक्रव्यूह तोड़े जाने का हुआ भव्य आयोजन, देखिए पूरी वीडियो

चमोली। महाभारत में अभिमन्यु के द्वारा सात द्वार तोड़े जाने का कलाकारों ने गौचर में शानदार मंचन किया। इस दौरान चक्रव्यूह तोड़े जाने के बारे 19 तारीके का अभिनय किया गया। चक्रव्यूह तोड़ने के कार्यक्रम का नेतृत्व लक्ष्मी शाह उत्तराखंड राज्य की पतंजलि सह प्रभारी व लोकगायिका सीमा गुसाई, नीलम रावत दीपा डंडरियाल राजकुमारी, हेमा लता, बिजय लक्ष्मी आदि द्वारा किया गया।

इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के आठ जिलों की लोकनृत्य व लोकलाकर महिला, अल्मोड़ा, चमोली, टेहरी, बागेश्वर, पौड़ी, रुद्रप्रयाग आदि इसमें चालीस महिलाओं के अभिनय किया गया। ये महिलाएं 13 सालो से रामलीला अभिनय व अन्य देवी देवताओं के अलग – अलग जिलों में कार्यक्रम करती रहती हैं।इस बार ये महिला टीम के द्वारा नवंबर में अयोध्या में रामलीला अभिनय करने की बातचीत योगी आदित्यनाथ जी चल रही है। ये चालीस महिलाओं का शिष्टमंडल व आठ जिलों के अभिनय कर्ताओ के द्धारा पहली बार चमोली के गौचर में अभिमन्यु चक्रव्यूह का कार्यक्रम किया गया।

भगवान श्री कृष्ण की नीति के चलते अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु को चक्रव्यूह को भेदने का आदेश दिया। अभिमन्यु चक्रव्यूह भेदना जानते थे, लेकिन बहार निकलना नहीं जानते थे। उन्होंने चक्रव्यूह से बहार निकलने शिक्षा नहीं सीखी थी। चक्रव्यूह को भेदना तो अभिमन्यु ने मां सुभद्रा के गर्भ में सीख ली थी। चक्रव्यूह के भेदने के समय चक्रव्यूह के सातों द्वारो में जयद्रथ व सातों योद्धाओं के द्बारा घेर कर निरम हत्या कर दी।जो युद्ध के नियमों के बिरुद था।

चक्रव्यूह युद्ध में पक्ष बिपक्ष के लड़ने के लिए व्यू था चक्रव्यूह देखने पर अंदर रास्ता नजर आता था। परन्तु बहार निकलने का रास्ता सभी को मालूम नहीं था। इस चक्रव्यूह की रचना द्रोण ने की थी ये कौरबो के द्बारा बनाया गया युधिष्ठिर को चक्रव्यूह भेदना नहीं आता था पांडव को बंधी बनाया था। इस चक्रव्यूह को भेदना व चक्रव्यूह से बहार निकलने की बिधा क्रसणा भगवान,अर्जून,द्रोण,प्रधुम ही जानते थे।

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रिपोर्टर – प्रताप सिंह नेगी।

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