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उत्तराखण्ड

यहां खतौनी से कैसे हो रहे नाम गायब,परेशान लोग काट रहे तहसील के चक्कर

नैनीताल। उत्तराखंड के नैनीताल जनपद में जमीनों की सबसे अधिक खरीद फरोख्त होती है। यहां पिछले कुछ सालों से राजस्व विभाग के लेखा जोखाओं एवं खतौनी में गंभीर लापरवाही उजागर हो रही है। किसी का नाम खतौनी से गायब तो किसी के खेत नम्बर अन्य व्यक्ति के नाम चढ़ा दिए जाने के मामले सामने आ रहे हैं। खासतौर पर ऐसे लोगों की जमीन के खाता, खेत नंबरों के साथ अधिक छेड़छाड़ की गई है जो मौजूदा दौर में घर से दूर अन्यत्र हैं।

जानकारी में आया है की बैनामे के बाद अगर किसी व्यक्ति के जमीन का दाखिला वर्षों पूर्व 1993-94 में चढ़ चुका हो और वह व्यक्ति अपनी जमीन की घेराबंदी कर घर से बाहर निश्चिंत रहता है। ऐसे लोग अधिक पीड़ित हो रहे हैं। खासतौर पर ऐसे लोगों की जमीन को चिन्हित कर उनके नाम की खतौनी को रिकॉर्ड से गायब कर दिया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि जमीनों के लेखा-जोखा पर इस तरह की तमाम लापरवाही के चलते कई लोग तहसील के चक्कर काटते थक गए हैं। परेशान लोगों का यह भी कहना है कि खतौनी सही करने को लेकर उन्हें आये दिन राजस्व निरीक्षक से लेकर तहसीलदार और उप निबंधक कार्यालय तक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। आरोप है कि तहसील नैनीताल के रिकार्डो में छेड़छाड़ होना आम बात हो गई है। जबकि जमीनों की खतौनी कंप्यूटराइज्ड होने के वाबजूद किसी व्यक्ति की संपत्ति, खतौनी, भूलेख से नाम हटा दिया जाना विभाग की नियत पर सवालिया निशान खड़ा करता है।

यही नहीं खतौनी में नाम सुधारने के लिए पुनः आवेदन लगा कर अनेक प्रकार की औपचारिकता करवाई जा रही है। जबकि संबंधित व्यक्ति पहले से बैनामा करवाने के बाद दाखिला भी करवाया होता है। कुलमिलाकर ऐसे मामलों पर कहीं न कहीं भ्रष्टाचार का नया खेल शुरू होता दिखाई दे रहा है।

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रिकॉर्ड सही हो,सुरक्षित हो और पारदर्शिता से काम हो इसके लिए हाल ही में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने रामनगर हल्द्वानी सहित सभी तहसीलों का मुआयना भी किया। शायद खतौनी से नाम हटा दिये जाने वाले गम्भीर मामले उनके संज्ञान में न आये हों, चूंकि इस प्रकार के लंबित मामले तहसील के रिकॉर्डस में घूम रहे हैं। बताया जा रहा है कि जो लोग उत्तराखंड के प्रवासी हैं घर से दूर हैं उनके साथ ज्यादातर इस तरह का खिलवाड़ किया जाना अनुचित है। हमने तहसीलदार नैनीताल से इस विषय में जानकारी लेनी चाही परंतु उनसे संपर्क नहीं हो पाया है।
पर्वत प्रेरणा संवाददाता ऐसे तथ्यों को बहुत जल्दी उजागर करेगा।

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