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उत्तराखण्ड

कैंटर नदी में समाया, चालक की मौत

अंकुर सक्सेना

उत्तराखंड में हर रोज सड़क दुर्घटना की खबरें सामने आती रहती है ऐसे में देखा जा सकता है कि सड़क दुर्घटना हमारे राज्य में किस प्रकार से आम बात हो गई है क्योंकि आए दिन कोई न कोई परिवार अपने सदस्य को इस दुर्घटनाओं के चलते खो देता है और कुछ ऐसे ही एक दुखद खबर टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग पर एक कैंटर के काली नदी में समा जाने से कैंटर चालक की मौत हो गई। दुर्घटना का कारण सड़क का धंस जाना बताया गया है। बताया गया है कि हादसे की सूचना मिलने पर दुर्घटनास्थल पर पहुंचे स्थानीय लोगों ने चालक को बचाने की हरसंभव कोशिश की परंतु उसने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड दिया।

चालक की मौत की खबर से जहां मृतक के परिवार में कोहराम मच गया वहीं सड़क मार्ग की बदहाली से स्थानीय ग्रामीणों में भारी रोष है। स्थानीय लोगों का कहना है कि संकरी सड़क पर कई जगह गड्ढे होने से हमेशा दुर्घटनाओं का भय बना रहता है और क‌ई बार दुर्घटना हुई भी है। परंतु बावजूद इसके सड़क को ठीक करने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार राज्य के पिथौरागढ़ जिले के नेपाल सीमा से सटे अमतड़ी में इन दिनों एसएसबी की बीओपी का निर्माण कार्य किया जा रहा है। बताया गया है कि बीते बुधवार को एक कैंटर वाहन संख्या यूके-05-सीए-1169 सरिया-सीमेंट लेकर अमतड़ी जा रहा था। बताया गया है कि जैसे ही कैंटर टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग पर चकद्वारी के पास पहुंचा तो एकाएक सड़क धंस गई। जिससे कैंटर दुर्घटनाग्रस्त होकर काली नदी में गिर गया जबकि कैंटर चालक छिटककर एक झाड़ी में अटक गया। हादसे की सूचना मिलने पर स्थानीय ग्रामीणों ने गम्भीर रूप से घायल कैंटर चालक को झाड़ी से बाहर निकालकर एक पिकप से पीपली तक पहुंचाया। जहां से उसे 108 की सहायता से जिला अस्पताल पिथौरागढ़ भिजवाया गया, परंतु अस्पताल पहुंचने से पूर्व ही कैंटर चालक ने दम तोड दिया। मृतक चालक की पहचान गौड़ीहाट निवासी राजेंद्र सिंह पुत्र गोविंद सिंह के रूप में हुई है। हादसे में कैंटर चालक की मौत की खबर मिलने के बाद से मृतक के परिवार में कोहराम मचा हुआ है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उत्तराखंड में सरकार हमेशा बोल रही है कि हमारे शासनकाल में उत्तराखंड की हमने शक्ल ही बदल दी है अब ऐसा देखा जा सकता है कि किस प्रकार से इस सरकार के शासनकाल में उत्तराखंड की शक्ल किस प्रकार से बदली है जहां पर सरकार बोल रही है कि हमारे शासनकाल में समस्त विभाग ईमानदारी से अपने कार्य को कर रहे हैं और उत्तराखंड की सड़कों की सारी फिल्मों का काम किया जा रहा है पर लेकिन 4 साल से अधिक का समय हो चुका है अभी तक उत्तराखंड की सड़कों का काम से से नहीं हुआ इसका जीता जागता नमूना आपके सामने इस खबर में है अब इस प्रकार की जो दुर्घटना हर रोज सामने आ रही हैं इसका जिम्मेदार कौन है ? प्रकार से आज किसी परिवार ने अपने परिवार के एक सदस्य को खोया इसी प्रकार से उत्तराखंड में हर रोज इन दुर्घटनाओं में कितने परिवार अपने परिजनों को खो देते हैं

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