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कुमाऊँ

भाजपा सरकार के सौ दिन कार्यकाल पर निशाना साधा

पूर्व दर्जा राज्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डा0 गणेश उपाध्याय ने भाजपा सरकार के 100 दिन के कार्यकाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार के पहले 100 दिन के कामकाज ने उत्तराखंड के हर तबके को पूरी तरह से निराश किया है। विकास के नाम पर खुद ही अपनी पीठ थपथपा कर खुशफहमी का शिकार हो रही है सरकार को जनता के आंसू नहीं दिखाई दे रहे हैं।

राज्य सरकार द्वारा आज के अखबारों में अपनी 100 दिन की उपलब्धि के बड़े बड़े विज्ञापनों में झूठ परोसा जा रहा है। झूठ बोलने की गजब की कला और जुमलेबाजी ने प्रदेश का बंटाधार कर दिया है।फ्री राशन के नाम पर वोट लेकर सरकार बनते ही राशन मिलना तो दूर गरीबों का राशन कार्ड भी सरेंडर करने का फरमान जारी कर दिया। सरकार आटा, दाल, चावल जैसी दैनिक उपयोग की आवश्यक खाद्य वस्तुओं पर भी जीएसटी की दरों में बढ़ोत्तरी करने का समर्थन कर रही है।

गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के बाद भी गैरसैण में ग्रीष्मकालीन सत्र आहूत कराने में भाजपा सरकार विफल रही। सरकार ने जो ट्रांसफर एक्ट विधानसभा में पारित करके बनाया था उसमें पात्रता सूची में 15 प्रतिशत का तबादला आदेश मुख्यमंत्री के भ्रष्ट मंत्रियों और भ्रृष्ट अधिकारी की चालबाजी का नतीजा है। वर्षों से दुर्गम में फसें पात्र कर्मचारियों में इस आदेश से भारी रोष है। यह सरकार के चहेते अधिकारियों व कर्मचारियों को सुगम से दुर्गम में स्थानांतरण से बचाने का जुगाड़ सरकार ने कर लिया है। इसका खामियाजा राज्य में दुर्गम क्षेत्र में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी भुगत रहे हैं। चार धाम यात्रा व्यवस्थाओं को ठीक न कर पाने के कारण मात्र 1 महीने में 200 से अधिक श्रद्धालुओं को मौत की नींद सोना पड़ा। कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। राज्य के अंदर हाल ही में नाबालिक लड़कियों के साथ बलात्कार की तीन घटनाओं ने राज्य को शर्मसार किया है। मंत्रियों और अधिकारियों में आपस में कोई तालमेल नहीं है।

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मंत्रियों और अधिकारियों के बीच के झगड़े सार्वजनिक होने के कारण राज्य की नौकरशाही असमंजस में है। उत्तराखंड के हिस्से के यूरिया की स्मगलिंग की जा रही है और किसानों को खाद, यूरिया दे पाने में कॉपरेटिव विभाग लाचार हो चुका है। प्रदेश में किसानों के गन्ने का भुगतान लम्बित चल रहा है। मुख्यमंत्री धामी के कार्यकाल में अवैध खनन जोरो पर रहा तथा अभी तक के कार्यकाल में मुख्यमंत्री का खनन प्रेम व खनन माफियाओं का खुलेआम गुंडाराज व प्रदेश की बहुमूल्य संपदा का दोहन व बंदरवाट स्पष्ट रुप से प्रदेश को रसातल में ले जाने की तैयारी है।

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