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उत्तराखण्ड

वर्ष 2025 में वनाअग्नि की घटनाओं को रोके जाने के लिए बैठक के दौरान जिलाधिकारी नें वन विभाग को दिए निर्देश, तमाम अधिकारी रहे मौजूद

चम्पावत – बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि की घटनाओं को रोके जाने हेतु विभाग अभी से सभी आवश्यक तैयारी कर लें, ताकि जिले में वनाग्नि की घटनाओं को रोका या कम से कम किया जा सके। उन्होंने कहा जिले में वनाग्नि की घटनाओं को त्वरित रोके जाने हेतु क्विक रिस्पॉन्स टीम तैयार कर उन्हें विभिन्न स्थानों में तैनात किए जाने के निर्देश दिए, साथ ही उन्होंने इन टीमों में विभागीय कार्मिकों के अतिरिक्त अस्थाई कर्मी की भी तैनाती की जाए ताकि वनाग्नि की घटना होने पर तत्काल रिस्पांस किया जा सके। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने जिले की सभी वन पंचायतों में आवश्यक उपकरण के साथ ही फर्स्ट रिस्पांडर को फायर किट, फर्स्ट एड किट व उपकरण उपलब्ध कराए जाने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षण भी दिये जाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने कहा कि दिसंबर के प्रथम सप्ताह में अग्नि जागरूकता सप्ताह मनाया जाने के साथ साथ वनाग्नि को रोके जाने हेतु गोष्ठी, बैठक, नुक्कड़ नाटक व जन जागरूकता कार्यक्रम निरंतर चलाये जाए।
ग्रामीणों, युवाओं की सहभागिता हेतु जागरूकता अभियान विद्यालय एवं ग्राम स्तर पर आयोजित कराए जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में वनाग्नि संबंधित जितने भी संवेदनशील स्थान देवीधूरा, भींगराडा आदि हैं इन सभी क्षेत्रों में क्विक रिस्पांस टीम तैनात करने के साथ ही अतिरिक्त कार्मिक तैनात किए जाएं। जिलाधिकारी ने कहा कि जन सहभागिता से ही वनाग्नि की घटना को रोका जा सकता है। इस हेतु आम जनता के साथ ही सभी विभागों को आपसी समन्वय बनाते हुए वनाग्नि की घटनाओं को रोका जाए, महिला समूह व महिला मंगल दल आदि का भी सहयोग लेने हेतु अभी से वन विभाग प्रचार प्रसार व जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करे। उन्होंने कहा कि सभी रेखीय विभाग समन्वय से कार्य करें। ग्राम प्रहरियों को वनाग्नि रोकथाम हेतु अभी से प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही जनपद में लगने वाले मेले या महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से वनाग्नि की रोकथाम हेतु लोगों को जन जागरूकता किया जाए।
जिलाधिकारी ने वनों को आग से बचाने के लिए एक आंदोलन के रूप में जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि जो महिला समूह, महिला मंगल दल या व्यक्ति विशेष वनाग्नि की घटना व रोकथाम हेतु बेहतर कार्य करेंगे उन्हें सम्मानित भी किया जाए। साथ ही जिन वन पंचायतों द्वारा भी बेहतर कार्य किया जाएगा उन्हें भी पुरस्कार के तहत सम्मानित किया जाए। जिलाधिकारी ने वन विभाग को वन क्षेत्रान्तर्गत अधिक से अधिक फायर लाइन का निर्माण करने के साथ ही वन पंचायतों को वनाग्नि रोकथाम हेतु आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि फायर सीजन में सूचना एवं संचार व्यवस्था सुदृढ़ हो वनाग्नि की घटना प्राप्त होते ही तत्काल फायर क्रू स्टेशन से टीम कम से कम समय में घटना स्थल पर पहुंचे। जिले में सभी वन क्षेत्रों में निर्मित फायर लाइन से पिरूल हटाए जाने का कार्य भी किया जाये।
बैठक में प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी आशुतोष, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी रश्मि पंत, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी वसुंधरा गर्ब्याल, एसडीओ नेहा चौधरी, एपीडी विमी जोशी, ईई लोनिवि एमसी पलड़िया सभी वन क्षेत्राधिकारी समेत लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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