उत्तराखण्ड
इंडो टच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी लिमिटेड एवं कोका-कोला कंपनी द्वारा किया गया सेब दिवस कार्यक्रम आयोजित, वर्चुअल जुड़े मुख्यमंत्री धामी
गोरलचोड़ निकट ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। साथ ही जिले के प्रगतिशील विभिन्न कास्तकारो से वर्चुअल संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा की “उन्नति एप्पल परियोजना” इस बात का एक शानदार उदाहरण है कि कैसे सामूहिक प्रयासों से कृषि परिवर्तन को बढ़ावा मिल सकता है। इस पहल की सफलता हमारे किसानों की दृढ़ता और कड़ी मेहनत का प्रमाण है। इस परियोजना से प्रदेश में सेब के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। साथ ही उन्होंने कहा की इस परियोजना से चंपावत में सेब की खेती करने वाले किसानों में आए सकारात्मक बदलावों को देखकर बेहद प्रसन्नता भी हो रही है कि यह काश्तकार चंपावत को आदर्श जनपद की परिकल्पना को साकार करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा सेब राज्य की आजीविका, समृद्धि और विकास का प्रतीक है। इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए कोका-कोला इंडिया और इंडो-डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज की परियोजना उन्नति एप्पल जैसी आधुनिक कृषि-तकनीक पहल अत्यधिक उत्पादक और लाभदायक साबित हुई है। इसने हमारे मेहनती किसानों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान को भी बढ़ावा दिया है। इस परियोजना ने उत्तराखंड में किसानों के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और इस क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को बेहतर बनाने में मदद की है।
मुख्यमंत्री ने कहा की इंडो डच हॉटीकल्चर टेक्नोलॉजी द्वारा भीमताल में सुधीर चड्ढा द्वारा चलाए जा रहे रिसर्च प्रोजेक्ट के परिणाम अब दिख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भविष्य में कीवी, अखरोट, नाशपाती,प्लम, खुमानी और पैशन फ्रूट की खेती यहां की जा सकती है। उत्तराखंड की जलवायु इन फलों के लिए बहुत ही अनुकूल है। चम्पावत क्षेत्र तो उसमें भी सबसे अधिक उपुयक्त माना जाता है। यहां के सेब अपनी गुणवात्ता, स्वाद व पोषण तत्वों के लिए देशभर में प्रसिद्ध हैं। सरकार प्रदेश में फलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। हम सभी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में एप्पल मिशन के साथ अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एप्पल मिशन के अंतर्गत सेब बागान लगाने वाले किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। सरकार ने प्रदेश में नई सेब नीति बनाई है इसमें आठ वर्ष में पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की अति सघन बागवानी का लक्ष्य रखा गया है। हमारा लक्ष्य है कि हम प्रदेश में सेब का सालाना टर्नओवर 200 करोड़ से बढ़ाकर 2000 करोड़ रुपए तक पहुंचाएं। प्रदेश में उद्योगों के साथ ही बागवानी के विकास के लिए भी अनुकूल नीति बनाकर कार्य किए जा रहे हैं। राज्य में नई तकनीकी से सेब के उन्नत किस्म के पेड़ लगाने से हम जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश से भी अच्छी क्वालिटी का सेब उत्पादन कर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखण्ड की भी सेब उत्पादन में विशेष पहचान हो, इसके लिए गुणवत्ता व पैकिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अधिक से अधिक किसानों को सेब की खेती के लिए प्रेरित किया जाए ताकि सेब उत्पादन में उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाया जा सके। सरकार किसानों को आवश्यक संसाधन और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। किसानों को तीन लाख रुपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के पांच लाख रुपए तक का ऋण दिया जा रहा है। परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत जैविक खेती को प्रमोट करने के लिए किसानों को लाभांवित किया जा रहा है। फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत किसानों को 80 फीसदी तक सब्सिडी पर कृषि उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। सतत् कृषि योजना के तहत कृषि में खाद्यान्न, मछली पालन, पशुपालन एवं डेयरी में बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक सेक्टर में अनुदान दिया जा रहा है। पशुधन बीमना योजना के तहत पशु बीमा से किसानों को पशुओं की आकस्मिक मृत्यु होने पर होने वाली हानि से बचाया जा रहा है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत राज्य में कलस्टर आधारित छोटे पॉलीहाउस लगाकर फूल, सब्जी आदि बागवानी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि आने वाले चार-पांच सालों में विभिन्न फलों की पैदावार को 20 गुना तक बढ़ाया जाए इससे न केवल किसानों को रोजगार मिलेगा बल्कि प्रदेश में एक पूरी फ्रूट इंडस्ट्री भी विकसित होगी। उन्होंने कहा कि प्रोसेसिंग की इकाइयां भी भविष्य में लगाई जाएगी, ताकि यहां का उत्पादन बेहतर तरीके से बाजार में जा सके।
इस अवसर पर प्रदेश प्रवक्ता भाजपा सुरेश जोशी ने कहा कि सेब उत्पादन जीवन और आमदनी दोनों से जुड़ा है। उन्होंने कहा की मा.मुख्यमंत्री के अथक प्रयासों से किसानों ने 100 सेब के बागान लगाए और 20 माह में ही बहुत अच्छी सेब की पैदावार हुई हैं।
इंडो डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज के निदेशक सुधीर चड्ढा ने कहा, “प्रोजेक्ट उन्नति एप्पल” इस बात का एक शानदार उदाहरण है कि कैसे निजी और सार्वजनिक संस्थाओं के बीच साझेदारी समाज में स्थायी और सकारात्मक बदलाव ला सकती है। उन्होंने बताया की 2018 में लॉन्च किया गया प्रोजेक्ट उन्नति एप्पल आनंदना, कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन ने किसानों को उन्नत कृषि तकनीक प्रदान करके और उन्हें शिक्षित करके उनकी आजीविका को बढ़ाने के लिए अपने क्रियान्वयन भागीदार के रूप में इंडो डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के साथ भागीदारी की। किसानो की भलाई सुनिश्चित करने, पैदावार में सुधार करने और प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने के लिए आनंदना ने क्षेत्र में सेब की खेती और किसनो की आय बढ़ाने में बेहद सफल है। इस परियोजना में भाग लेने वाले किसानों द्वारा कड़ी मेहनत दिखाई है।
इस अवसर निदेशक कोकाकोला राजीव गुप्ता ने कहा कि इस मिशन के अंतर्गत चंपावत में सेब के उत्पादन के बेहतर परिणाम आ रहे है। नई तकनीक एवं सभी के सहयोग से सेब का उत्पादन हम दो से तीन गुना और बढ़ा सकते है। जिससे किसानों के आय में भी वृद्धि होगी और किसान देश के विकास में अपनी भागीदारी कर सकेंगे।
इस अवसर पर कार्यक्रम में उन्नति सेब उत्पादों से संबंधित फिल्म का प्रदर्शन किया गया, साथ ही प्रगतिशील काश्तकारों कमल गिरी, जगदीश पुनेठा, ईश्वर नाथ, जगदीश चंद्र पांडे, कमल किशोर पांडे, कमलेश सक्टा, महेश सिंह ढेक, धर्मानंद डेसमंड, खिलानंद को पुरस्कृत किया। इससे पूर्व किसानों को दूधपोखरा स्थित कमल गिरी के सेब के बागान दिखाया गया और बागवानी हेतु प्रेरित किया और टिप्स दिए।
कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष जिलाध्यक्ष निर्मल महरा, विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, जिलाधिकारी नवनीत पांडे, ब्लॉक प्रमुख चंपावत रेखा देवी,विनीता फर्त्याल,सुमनलता, समेत प्रगतिशील किसान तथा अन्य मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन भाजपा जिला महामंत्री मुकेश कलखुड़िया ने किया।